अगर आपने पहले अपने एम्प्लॉयर को बताया था कि आप पुरानी टैक्स रिजीम के तहत टीडीएस कटवाना चाहते हैं, लेकिन अब आपको लग रहा है कि नई टैक्स रिजीम (New Tax Regime) आपके लिए फायदेमंद है, तो घबराने की कोई जरूरत नहीं है। मौजूदा टैक्स नियम आपको इस स्थिति से आसानी से निकलने का विकल्प देते हैं।
क्या है समाधान?
इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) फाइल करते समय आप अपनी चुनी हुई टैक्स रिजीम को बदल सकते हैं। यानी अगर आपके एम्प्लॉयर ने पुरानी रिजीम के हिसाब से टैक्स काटा है, तो भी आप रिटर्न भरते समय नई टैक्स रिजीम चुन सकते हैं।
ध्यान दें: अगर आपने किसी भी टैक्स रिजीम की जानकारी एम्प्लॉयर को नहीं दी थी, तो ऑटोमेटिकली आपको न्यू टैक्स रिजीम में रखा जाएगा, क्योंकि अब यही डिफॉल्ट है।
क्या है धारा 115BAC?
धारा 115BAC के तहत इनकम टैक्स एक्ट में एक नया टैक्स स्ट्रक्चर जोड़ा गया है। यह कम टैक्स स्लैब रेट्स देता है, लेकिन इसमें आपको कई कटौतियों और छूटों (जैसे 80C, HRA, LTA आदि) का लाभ नहीं मिलता।
इसलिए किसी रिजीम को चुनने से पहले आपको अपनी इनकम और डिडक्शन की पूरी कैलकुलेशन करके देखना चाहिए कि कौन-सी टैक्स रिजीम आपके लिए फायदेमंद है।
क्या टैक्स रिजीम बदलने की कोई सीमा है?
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सैलरीड क्लास (वेतनभोगी कर्मचारी) हर साल रिटर्न भरते समय टैक्स रिजीम बदल सकते हैं।
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जबकि बिजनेस और प्रोफेशनल टैक्सपेयर्स एक बार बदलने के बाद बार-बार स्विच नहीं कर सकते। उन्हें नियमों के मुताबिक सीमित अवसर ही मिलते हैं।
ओल्ड टैक्स रिजीम का चुनाव कब कर सकते हैं?
आप तभी पुरानी टैक्स रिजीम (Old Tax Regime) चुन सकते हैं जब आप समय पर (31 जुलाई से पहले) अपना ITR दाखिल करें।
अगर आपने लेट रिटर्न (Belated Return) फाइल किया तो फिर आपको ओल्ड टैक्स रिजीम का विकल्प नहीं मिलेगा – उस स्थिति में आपका रिटर्न नई टैक्स रिजीम के तहत ही प्रोसेस किया जाएगा।
किन-किन तारीखों का रखें ध्यान?
करदाता वर्ग | ITR फाइलिंग की अंतिम तिथि |
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सामान्य व्यक्ति | 31 जुलाई 2025 |
ऑडिट वाले प्रोफेशनल्स | 31 अक्टूबर 2025 |
ट्रांसफर प्राइसिंग लागू संस्थाएं | 30 नवंबर 2025 |
विलंबित/संशोधित रिटर्न | 31 दिसंबर 2025 |
अति विलंबित रिटर्न | 31 मार्च 2029 (असेसमेंट ईयर समाप्ति के बाद 4वां साल) |
आसान तरीका क्या है?
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ITR भरते समय “Tax Regime Selection” ऑप्शन में जाकर आप पुरानी या नई रिजीम चुन सकते हैं।
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अगर आपने गलत रिजीम से TDS कटवाया है, तो भी चिंता न करें – रिटर्न के दौरान सही ऑप्शन चुनें।
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रिफंड/एडजस्टमेंट उसी हिसाब से किया जाएगा।
निष्कर्ष:
अगर आपने साल की शुरुआत में पुरानी टैक्स रिजीम चुनी थी लेकिन अब आपको लगता है कि नई टैक्स रिजीम ज्यादा फायदेमंद है, तो आप रिटर्न भरते समय आसानी से उसमें स्विच कर सकते हैं। बस ध्यान रखें कि आप समय पर ITR फाइल करें ताकि आपको सभी विकल्प मिलें और किसी प्रकार की गलती या नुकसान से बचा जा सके।