भारत के युवा बल्लेबाज साई सुदर्शन को टेस्ट कैप मिल गई है। शुक्रवार को लीड्स में भारत और इंग्लैंड के बीच शुरू हुए टेस्ट मैच में सुदर्शन को चेतेश्वर पुजारा ने डेब्यू कैप सौंपी। तमिलनाडु का यह 21 वर्षीय बल्लेबाज टेस्ट में पदार्पण करने वाला 317वां भारतीय खिलाड़ी है। वह इस टेस्ट में भारत के लिए तीसरे नंबर पर बल्लेबाजी करेंगे। पुजारा ने उन्हें कैप सौंपते समय इस बात के संकेत दिए थे, क्योंकि पुजारा कई सालों से भारत के लिए तीसरे नंबर पर बल्लेबाजी कर रहे थे। अब पुजारा यह जिम्मेदारी संभालेंगे। उनका पदार्पण भी खास दिन हुआ है। 20 जून भारतीय क्रिकेट के लिए बड़ा दिन है। इस दिन तीन भारतीय दिग्गजों ने अलग-अलग वर्षों में अपने टेस्ट करियर की शुरुआत की। सौरव गांगुली, राहुल द्रविड़ और विराट कोहली ने 20 जून को टेस्ट क्रिकेट में पदार्पण किया। अब इस सूची में सुदर्शन का नाम भी जुड़ गया है। हालांकि अब ये तीनों खिलाड़ी टेस्ट का हिस्सा नहीं हैं। गांगुली और द्रविड़ अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास ले चुके हैं, जबकि विराट कोहली ने हाल ही में टेस्ट क्रिकेट को अलविदा कहा है। गांगुली और द्रविड़ ने 20 जून 1996 को इंग्लैंड के खिलाफ लॉर्ड्स टेस्ट में डेब्यू किया था। इसी मैच में गांगुली ने शतक जड़कर दुनिया को आगाह किया था, जबकि द्रविड़ ने भी 95 रन बनाए थे। विराट कोहली ने 20 जून 2011 को टेस्ट डेब्यू किया था, पहले मैच में असफल होने के बाद उन्होंने इस फॉर्मेट में कई रिकॉर्ड अपने नाम किए। सुदर्शन, गांगुली, द्रविड़ और कोहली के अलावा दो और खिलाड़ियों ने इस तारीख को टेस्ट डेब्यू किया था। हालांकि, इनका करियर कुछ खास नहीं रहा। ये खिलाड़ी हैं अभिनव मुकुंद और प्रवीण कुमार। हालांकि, सुदर्शन को भारत का नया सितारा माना जा रहा है। आईपीएल और घरेलू क्रिकेट में उनकी बल्लेबाजी की खूब तारीफ हुई है। गांगुली ने अपने पहले टेस्ट में शतक जड़ा था
1996 में भारत और इंग्लैंड का आमना-सामना लॉर्ड्स में हुआ था और इस मैच में सौरव गांगुली ने राहुल द्रविड़ के साथ टेस्ट डेब्यू किया था। यह मैच सौरव गांगुली के लिए शानदार रहा था। शतक जड़ने के अलावा उन्होंने गेंद से भी कमाल किया और विकेट चटकाए। गांगुली ने पहली पारी में 20 चौकों की मदद से 131 रन बनाए और दो विकेट लिए. हालांकि जैक रसेल ने पहली पारी में 124 रन बनाकर मैन ऑफ द मैच का अवॉर्ड जीता था. गांगुली ने बाद में भारत के लिए 113 टेस्ट खेले. उन्होंने 42.17 की औसत से 7212 रन बनाए. इसमें 16 शतक और 35 अर्धशतक शामिल हैं. पहले मैच में किस्मत द्रविड़ के साथ नहीं थी. द्रविड़ ने लॉर्ड्स के ऐतिहासिक मैदान पर डेब्यू किया और पहली पारी में शानदार 95 रन बनाए, जिसमें छह चौके शामिल थे, लेकिन किस्मत उनके साथ नहीं थी. इस मैच में द्रविड़ 95 रन बनाकर आउट हुए, तब सभी को लगा कि उनका शतक पक्का है. हालांकि इसके बाद द्रविड़ ने कई रिकॉर्ड तोड़े और टीम इंडिया को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया. वह भारत के लिए टेस्ट में दूसरे सबसे ज्यादा रन बनाने वाले खिलाड़ी भी हैं. उन्होंने 163 टेस्ट में 52.63 की औसत से 13265 रन बनाए. इसमें 36 शतक और 63 अर्धशतक शामिल हैं।
कोहली पहले टेस्ट में फेल
2011 विश्व कप में शानदार प्रदर्शन के बाद विराट कोहली को भारतीय टेस्ट टीम में भी मौका दिया गया और कोहली पहले मैच में ही पूरी तरह फेल हो गए। सबीना पार्क में वेस्टइंडीज के खिलाफ अपना पहला टेस्ट खेलते हुए विराट ने चार और 15 रन बनाए। उन्हें दोनों पारियों में तेज गेंदबाज फिडेल एडवर्ड्स ने आउट किया। हालांकि 14 साल बाद विराट देश के सर्वश्रेष्ठ टेस्ट बल्लेबाजों में से एक माने जाते हैं। उन्होंने इसी साल 12 मई को टेस्ट क्रिकेट से संन्यास ले लिया था। 123 मैचों में उन्होंने 46.85 की औसत से 9230 रन बनाए। इसमें 30 शतक और 31 अर्धशतक शामिल हैं।