लीड्स में 20 जून से शुरू हो रही भारत और इंग्लैंड के बीच पांच मैचों की टेस्ट सीरीज से पहले टीम इंडिया में हर्षित राणा की टीम में शामिल होने को लेकर बहस तेज हो गई है। कई विशेषज्ञों और क्रिकेट प्रेमियों का मानना है कि हर्षित राणा के बजाय कंबोज को मौका दिया जाना चाहिए था, खासकर जब उनके प्रदर्शन की तुलना प्रथम श्रेणी क्रिकेट के आंकड़ों से की जाए।
हर्षित राणा का टीम में चयन
हर्षित राणा को टीम में शामिल किया गया है, जो कि घरेलू क्रिकेट में अपनी बल्लेबाजी के लिए जाने जाते हैं। हालांकि, उनके प्रथम श्रेणी क्रिकेट के आंकड़े कई मायनों में कंबोज से कमतर माने जा रहे हैं। राणा को मुख्य रूप से मध्यक्रम में बल्लेबाजी के लिए चुना गया है, लेकिन उनके अनुभव और प्रदर्शन को लेकर सवाल उठ रहे हैं।
कंबोज और अंशुल के आंकड़े
कंबोज और अंशुल दोनों ही प्रथम श्रेणी क्रिकेट में शानदार प्रदर्शन कर चुके हैं। खासकर अंशुल, जिनके बल्लेबाजी रिकॉर्ड में कई मुकाबलों में बेहतर औसत और अधिक रन शामिल हैं। अंशुल ने अपनी निरंतरता और उच्च स्कोर के दम पर घरेलू क्रिकेट में अपनी छाप छोड़ी है। उनकी तकनीक और मैच के दबाव में खेलने की क्षमता को देखते हुए, कई लोग मानते हैं कि उन्हें टीम में मौका मिलना चाहिए था।
चयन पर बहस
टीम चयन को लेकर हमेशा से बहस होती रही है, लेकिन इस बार हर्षित राणा के चयन पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। आलोचक कहते हैं कि यदि चयनकर्ता टीम में घरेलू क्रिकेट के बेहतर प्रदर्शन वाले खिलाड़ियों को मौका दें, तो टीम की ताकत और गहराई बढ़ेगी। खासकर इंग्लैंड की धरती पर कड़े मुकाबले के लिए मजबूत बल्लेबाजी लाइनअप आवश्यक है।