क्रिकेट न्यूज डेस्क।। इंग्लैंड के खिलाफ पहले टेस्ट मैच में हार के बाद भारतीय टीम में बदलाव की मांग ने जोर पकड़ लिया है। रोहित शर्मा और विराट कोहली की गैरमौजूदगी में खेल रही भारतीय टीम इंग्लैंड दौरे का पहला मैच हार गई। इस मैच में भारत के शीर्ष पांच बल्लेबाजों ने अच्छा प्रदर्शन किया, लेकिन निचले क्रम का खराब प्रदर्शन और जसप्रीत बुमराह को छोड़कर गेंदबाजों ने सही योगदान नहीं दिया, जिसकी वजह से भारत को भारी नुकसान उठाना पड़ा।
बुमराह को दूसरे छोर से सहयोग नहीं मिल सका
रोहित की जगह शुभमन गिल को कप्तान बनाया गया, लेकिन वह कप्तान के तौर पर अपना पहला मैच हार गए। हालांकि, भारत के पास अभी भी मौका है, क्योंकि यह सीरीज का पहला मैच था। भारत के लिए निचले क्रम ने पहली पारी और दूसरी पारी में अच्छा योगदान नहीं दिया, जिसकी वजह से उसे भारी नुकसान उठाना पड़ा। वहीं, दूसरी पारी में गेंदबाज भी अच्छा प्रदर्शन नहीं कर सके, जो हार की बड़ी वजह रही। पहली पारी में पांच विकेट लेने वाले भारत के स्टार तेज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह दूसरी पारी में खाली हाथ रहे और एक भी विकेट नहीं ले सके। गंभीर ने शार्दुल से कम गेंदबाजी करवाने का बचाव किया
भारत के हेड कोच गौतम गंभीर ने इंग्लैंड के खिलाफ पहले मैच में शार्दुल ठाकुर से कम गेंदबाजी करवाने के कप्तान शुभमन गिल के फैसले का बचाव किया है, लेकिन 2 जुलाई से शुरू हो रहे दूसरे टेस्ट में उनके चयन को सही ठहराना मुश्किल होगा। दिसंबर 2023 के बाद से अपना पहला टेस्ट खेल रहे शार्दुल का तेज गेंदबाजी में अच्छा इस्तेमाल नहीं हुआ और उन्होंने अपनी बल्लेबाजी से भी टीम को निराश किया। उन्होंने दो पारियों में 20 गेंदों पर कुल पांच रन बनाए। शार्दुल ने मैच की पहली पारी में सिर्फ छह और दूसरी पारी में 10 ओवर गेंदबाजी की। ऐसे में उन्हें स्पेशलिस्ट गेंदबाज पर तरजीह दिए जाने पर सवाल उठ रहे हैं। हालांकि शार्दुल ने मैच के पांचवें दिन लगातार दो विकेट लेकर भारत की जीत की उम्मीदें जगाईं, लेकिन उनकी गेंदबाजी में धार और पैनापन नहीं था। उन्होंने और प्रसिद्ध कृष्णा ने कई कमजोर गेंदें फेंकी, जिससे इंग्लैंड के बल्लेबाजों पर दबाव नहीं बन पाया।
क्या भारत दो स्पिनरों के साथ उतरेगा?
पहले मैच में दबदबा बनाने के बावजूद भारत को हार का सामना करना पड़ा। इस हार के बावजूद टीम को ज्यादा चिंता करने की जरूरत नहीं है। हालांकि एजबेस्टन टेस्ट के लिए प्लेइंग-11 में कुछ बदलाव तय हैं। इंग्लैंड की टीमें अक्सर चार तेज गेंदबाजों के साथ उतरती रही हैं, लेकिन मौजूदा समय में शुष्क मौसम को देखते हुए कुलदीप और रवींद्र जडेजा दोनों को प्लेइंग-11 में जगह मिल सकती है। जडेजा की गेंदबाजी पर भी सवाल उठ रहे हैं क्योंकि पांचवें दिन वह स्पिनरों के लिए मददगार पिच पर ज्यादा प्रभाव नहीं डाल पाए। गेंदबाजी विभाग में किसी अन्य बदलाव की संभावना कम ही है क्योंकि पहले और दूसरे टेस्ट मैच के बीच एक सप्ताह का अंतर है और ऐसे में तेज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह के प्लेइंग-11 में बने रहने की उम्मीद है। टेस्ट क्रिकेट में पदार्पण का इंतजार कर रहे बाएं हाथ के तेज गेंदबाज अर्शदीप सिंह के फिर से बाहर बैठने की संभावना है क्योंकि टीम प्रबंधन इस अनुभवी खिलाड़ी को अधिक मौके देना चाहता है। मोहम्मद सिराज ने पहले टेस्ट में ज्यादा विकेट नहीं लिए लेकिन उन्होंने लगातार इंग्लैंड के बल्लेबाजों को परेशान किया। जडेजा पहली पारी में रन गति पर नियंत्रण रखने में सफल रहे लेकिन कोई विकेट लेने में असफल रहे, लेकिन गेंदबाजी के अलावा वह किसी भी स्थिति में बल्ले से प्रभावी योगदान देने की क्षमता रखते हैं।