भारत और इंग्लैंड के बीच ओवल टेस्ट मैच रोमांचक हो गया है। इस मैच में टीम इंडिया को टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी का न्योता मिला। पहले बल्लेबाजी करते हुए टीम इंडिया की पारी 224 रनों पर सिमट गई। जवाब में इंग्लैंड कुछ खास नहीं कर सका और 247 रन ही बना सका। मेजबान टीम को पहली पारी में 23 रनों की बढ़त मिली थी। वहीं, दूसरी पारी में जब भारतीय टीम बल्लेबाजी करने उतरी तो उसने अपने दो विकेट जल्दी गंवा दिए।
दूसरे दिन का खेल खत्म होने तक टीम इंडिया ने 2 विकेट के नुकसान पर 75 रन बना लिए थे। वहीं, यशस्वी जायसवाल क्रीज पर थे। वहीं, भारत के पांच अहम बल्लेबाज अभी तक नहीं आए हैं। ऐसे में सवाल उठता है कि क्या टीम इंडिया ओवल में मैच जीत पाएगी। अगर हां, तो इंग्लैंड को चौथी पारी में कितना लक्ष्य देना होगा या कितने रन बनाने होंगे।
ओवल में टीम इंडिया ने जीता था आखिरी टेस्ट
भारतीय क्रिकेट टीम ने साल 2021 में ओवल में आखिरी टेस्ट मैच खेला था। इस मैच में टीम इंडिया ने 157 रनों के मजबूत अंतर से जीत हासिल की थी। पहली पारी में 191 रनों पर ऑलआउट होने के बावजूद, भारतीय टीम ने यहाँ शानदार वापसी की और दूसरी पारी में 466 रन बनाए। इंग्लैंड को पहली पारी में 99 रनों की बढ़त भी मिली थी। ऐसे में मेजबान टीम को चौथी पारी में जीत के लिए 368 रनों का लक्ष्य मिला, लेकिन भारतीय गेंदबाजों ने दमदार खेल दिखाते हुए इंग्लैंड को 210 रनों पर ऑलआउट कर मैच अपने नाम कर लिया।
इस तरह एक बात तो साफ हो गई है कि अगर भारतीय टीम चौथी पारी में इंग्लैंड को 250 से 300 रनों का लक्ष्य देती है, तो मैच जीतने की संभावना प्रबल हो जाएगी। इसके पीछे एक बड़ी वजह यहाँ की पिच और बादलों वाला मौसम है। मौजूदा टेस्ट मैच में पाँचों दिन हल्की बारिश की संभावना है। आसमान में बादल छाए रहेंगे, जिससे तेज़ गेंदबाज़ी को मदद मिलेगी। यही वजह है कि अगर खेल के तीसरे दिन भारतीय बल्लेबाज़ धैर्य बनाए रखते हैं और ज़्यादा विकेट नहीं गिरने देते, तो इंग्लैंड के लिए मुश्किल हो सकती है।
ओवल मैदान का रिकॉर्ड क्या है
टेस्ट मैचों में ओवल के रिकॉर्ड पर नज़र डालें, तो इस मैदान पर सबसे सफल रन चेज़ 1902 में हुआ था, जब इंग्लैंड ने ऑस्ट्रेलिया द्वारा दिए गए 263 रनों के लक्ष्य को हासिल किया था। इसके बाद, वेस्टइंडीज़ की टीम ने 1963 में 253 रनों के लक्ष्य को सफलतापूर्वक हासिल किया था। यह इस मैदान पर चेज़ किया गया दूसरा सबसे बड़ा लक्ष्य था। इस मैदान पर बचाए गए सबसे छोटे लक्ष्य की बात करें, तो वह 85 रनों का है। यह उपलब्धि ऑस्ट्रेलिया ने 1882 में हासिल की थी, जब उन्होंने इंग्लैंड को 77 रनों पर ऑल आउट कर दिया था।