भारतीय टेस्ट कप्तान शुभमन गिल 23 जुलाई से इंग्लैंड के खिलाफ शुरू हो रहे मैनचेस्टर टेस्ट मैच में एक बड़ी उपलब्धि हासिल कर सकते हैं। एक ओर, भारतीय टीम सीरीज़ बराबर करने की कोशिश करेगी, वहीं गिल के पास 19 साल पुराना एशियाई रिकॉर्ड तोड़ने का मौका होगा। गिल के पास इंग्लैंड में किसी द्विपक्षीय टेस्ट सीरीज़ में सबसे ज़्यादा रन बनाने वाले एशियाई बल्लेबाज़ बनने का मौका है।
गिल शानदार फॉर्म में हैं
गिल इस समय शानदार फॉर्म में हैं और उनके पास यह रिकॉर्ड अपने नाम करने का सुनहरा मौका है। फ़िलहाल, इंग्लैंड की धरती पर किसी टेस्ट सीरीज़ में सबसे ज़्यादा रन बनाने वाले एशियाई बल्लेबाज़ का रिकॉर्ड मोहम्मद यूसुफ़ के नाम है, जिन्होंने 2006 में पाकिस्तान के इंग्लैंड दौरे के दौरान चार मैचों में 90.14 की औसत से 631 रन बनाए थे। गिल इस मामले में यूसुफ़ से 25 रन दूर हैं। इंग्लैंड के मौजूदा दौरे पर, गिल ने तीन मैचों में 101.16 की औसत से 607 रन बनाए हैं, जिसमें बर्मिंघम टेस्ट की पहली पारी में बनाए गए 269 रन भी शामिल हैं।
गिल ने पहले दो मैचों में अच्छा प्रदर्शन किया था, लेकिन लॉर्ड्स में खेले गए तीसरे टेस्ट मैच में उनका बल्ला खामोश रहा और वे केवल 16 और 6 रन ही बना सके। भारत लॉर्ड्स टेस्ट 22 रनों से हार गया और टीम फिलहाल पाँच मैचों की श्रृंखला में 1-2 से पीछे है। भारतीय टीम अब आठ दिनों के अंतराल के बाद बुधवार से इंग्लैंड से भिड़ेगी।
इंग्लैंड में किसी टेस्ट सीरीज़ में किसी एशियाई बल्लेबाज़ द्वारा बनाए गए सर्वाधिक रन
बेहतर देश ने वर्ष 2006 में कुल मैचों में कुल 100 रन बनाए
मोहम्मद यूसुफ़ पाकिस्तान 631 4 2006 में
शुभमन गिल भारत 607 3 2025 में
राहुल द्रविड़ भारत 602 4 2002 में
विराट कोहली भारत 593 5 2018 में
सुनील गावस्कर भारत 542 4 1979 में
सलीम मलिक पाकिस्तान 488 5 1992 में
गिल की नज़रें सीरीज़ में वापसी पर
भारतीय टीम अब सीरीज़ में वापसी करने के लिए बेताब होगी। हालाँकि, मैनचेस्टर की चुनौती भारत के लिए आसान नहीं होगी। भारत ने अब तक मैनचेस्टर के ओल्ड ट्रैफर्ड में कुल नौ टेस्ट खेले हैं। इनमें से इंग्लैंड चार टेस्ट जीतने में कामयाब रहा है, जबकि पाँच टेस्ट ड्रॉ रहे हैं। टीम इंडिया के पास हार-ड्रा के इस सिलसिले को तोड़ने का अच्छा मौका है और एक जीत सीरीज़ को दिलचस्प बना देगी। अगर भारत मैनचेस्टर में 2-2 से ड्रॉ भी करा लेता है, तो दबाव इंग्लैंड पर आ जाएगा। फिर सब कुछ 31 जुलाई से केनिंग्टन ओवल में खेले जाने वाले पाँचवें टेस्ट से तय होगा। बर्मिंघम के एजबेस्टन में भी टीम इंडिया का कुछ ऐसा ही रिकॉर्ड था, लेकिन गिल की टीम इतिहास रचने में कामयाब रही थी। अब एक बार फिर भारतीय टीम मैनचेस्टर में अपनी पूरी ताकत झोंकने की कोशिश करेगी।