क्रिकेट न्यूज डेस्क।। वाशिंगटन सुंदर और रवींद्र जडेजा ने मिलकर भारत को चौथा टेस्ट मैच ड्रॉ कराने में अहम भूमिका निभाई। दोनों ने नाबाद शतक जड़े और इस दौरान दोनों ने दो से ज़्यादा सेशन तक बल्लेबाजी की और भारत को हार के कगार से वापस लाकर इंग्लैंड के खिलाफ चौथे टेस्ट के पांचवें दिन ऐतिहासिक ड्रॉ हासिल करने में कामयाब रहे। जडेजा और सुंदर की बदौलत ही भारतीय टीम टेस्ट मैच ड्रॉ करा पाई। ऐसे में आइए जानते हैं वो तीन कारण जिनकी वजह से भारत ने मैनचेस्टर टेस्ट मैच ड्रॉ कराकर भी इंग्लैंड के बेसबॉल का घमंड तोड़ दिया।
शुभमन गिल ने दिखाया साहस
गिल ने पहले दो टेस्ट मैचों में शानदार बल्लेबाजी की, लेकिन लॉर्ड्स टेस्ट मैच में फ्लॉप होने के बाद उनकी बल्लेबाजी को लेकर बयानबाजी शुरू हो गई। वहीं, मैनचेस्टर टेस्ट मैच की पहली पारी में कप्तान गिल सस्ते में आउट हो गए, जिसके बाद लोगों का यह भी मानना था कि गेंदबाजों को मददगार पिच पर गिल बड़ी पारी नहीं खेल सकते। लेकिन शुभमन गिल ने दूसरी पारी में उस समय शतक जड़ दिया जब उनकी सबसे ज़्यादा ज़रूरत थी। गिल ओल्ड ट्रैफर्ड में शतक लगाने वाले दूसरे भारतीय बल्लेबाज़ बने। उनसे पहले, 1990 में इस मैदान पर शतक लगाने का कमाल सिर्फ़ सचिन तेंदुलकर ने ही किया था। गिल की पारी ने अन्य भारतीय बल्लेबाज़ों को प्रेरित किया और अंत में केएल राहुल, जडेजा और सुंदर की मदद से भारतीय टीम टेस्ट मैच ड्रॉ कराने में कामयाब रही।
दरबाज़ वाशिंगटन सुंदर और रवींद्र जडेजा
एक तरफ़, जहाँ भारत पर टेस्ट मैच हारने का ख़तरा मंडरा रहा था, वहीं जडेजा और सुंदर ने एक ऐसी साझेदारी की जिसे विश्व क्रिकेट हमेशा याद रखेगा। जडेजा (185 गेंदों पर नाबाद 107 रन) और सुंदर (206 गेंदों पर नाबाद 101 रन) ने पाँचवें विकेट के लिए 203 रनों की अटूट साझेदारी की और इंग्लैंड को मैच में वापसी का कोई मौका नहीं दिया। दोनों ने एक ऐसी पारी खेली जिसे भारतीय क्रिकेट हमेशा याद रखेगा। मैनचेस्टर टेस्ट मैच में भारत की दूसरी पारी में दोनों ने जिस तरह का साहस दिखाया है, उसे देखकर युवा खिलाड़ी भी प्रेरित हो सकते हैं। इंग्लैंड खेमा भी उनके इस कौशल से चकित था।
केएल राहुल बने भरोसेमंद
एक बार फिर, केएल राहुल ने दिखा दिया कि वह टीम इंडिया के लिए कितने भरोसेमंद हैं। केएल राहुल ने भी मैनचेस्टर टेस्ट मैच बचाने में अहम भूमिका निभाई और 90 रनों की पारी खेली। राहुल भले ही शतक से चूक गए, लेकिन उनकी इस अहम पारी ने इंग्लैंड के गेंदबाजों की उम्मीदों पर पानी फेर दिया। दरअसल, राहुल और गिल ने टेस्ट मैच के चौथे दिन 60 से ज़्यादा ओवर तक बल्लेबाज़ी करके इंग्लैंड के खेमे में हलचल मचा दी। सही मायनों में, गिल और राहुल ने 60 से ज़्यादा ओवर तक बल्लेबाज़ी की, जिसने मैनचेस्टर में बेसबॉल के घमंड को तोड़ने में अहम भूमिका निभाई।
इंग्लैंड की पहली पारी ने टेस्ट ड्रॉ की नींव रखी।
इसके अलावा, इंग्लैंड ने पहली पारी जल्दी घोषित नहीं की, जिससे इंग्लैंड को टेस्ट मैच जीतने के लिए ज़्यादा समय नहीं मिला। बल्लेबाज़ी के लिए अनुकूल पिच और परिस्थितियों में, इंग्लैंड ने 157.1 ओवर तक बल्लेबाज़ी की और 669 रन बनाए। इंग्लैंड ने टेस्ट मैच के चौथे दिन के पहले सत्र तक बल्लेबाज़ी की, जिसने टेस्ट मैच को ड्रॉ की ओर धकेलने में अहम भूमिका निभाई।