क्रिकेट न्यूज डेस्क।। भारतीय क्रिकेट टीम 20 जून से इंग्लैंड के खिलाफ 5 मैचों की टेस्ट सीरीज में हिस्सा लेने जा रही है। इस सीरीज में टीम इंडिया नए कप्तान और नए उपकप्तान के नेतृत्व में खेलती नजर आएगी। इस सीरीज के साथ शुभमन गिल पहली बार भारत की टेस्ट टीम की कमान संभालने जा रहे हैं, जबकि ऋषभ पंत टीम के उपकप्तान होंगे। इस सीरीज से पहले ऋषभ पंत का आईपीएल में फॉर्म काफी खराब रहा था, जिसके बाद अब उनकी नजर अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में दमदार वापसी पर होगी। ऐसे में पंत को एक पूर्व भारतीय क्रिकेटर से बड़ी सलाह मिली है।
ऋषभ पंत के लिए बड़ी सलाह
पूर्व भारतीय बल्लेबाज हेमंग बदानी का मानना है कि भारत के मुख्य कोच गौतम गंभीर को इंग्लैंड के खिलाफ पांच मैचों की टेस्ट सीरीज से पहले ऋषभ पंत को सिर्फ एक सलाह देनी चाहिए। यह सलाह यही होनी चाहिए कि ऋषभ, तुम अपना खेल खेलो, भूल जाओ कि तुम टीम इंडिया के उपकप्तान हो। पंत पहली बार आधिकारिक तौर पर नेतृत्व समूह का हिस्सा होंगे। उन्हें कप्तान शुभमन गिल के नेतृत्व में भारत की टेस्ट टीम के लिए एक नए युग की शुरुआत करनी होगी। आर अश्विन, रोहित शर्मा और विराट कोहली के संन्यास के साथ ही भारत ने लगभग 300 टेस्ट मैचों का अनुभव खो दिया है। दो सीरीज के बीच का अंतर एक दिन में रोम बनाने जैसा है। लेकिन भारतीय प्रशंसकों के लिए यह राहत की बात है कि उनके पास पंत जैसे खिलाड़ी हैं जिन पर वे भरोसा कर सकते हैं। हेमंग बदानी का मानना है कि ऋषभ पंत टेस्ट क्रिकेट में भारत के लिए अहम खिलाड़ी साबित हो सकते हैं। बदानी ने कहा कि गौतम गंभीर को पंत से बात करनी चाहिए और उन्हें याद दिलाना चाहिए कि उन्हें अपने स्वाभाविक अंदाज में खेलना है। उन्हें उपकप्तान होने का दबाव नहीं लेना चाहिए। पंत ने पहले भी कई बार मुश्किल परिस्थितियों में शानदार प्रदर्शन किया है और टीम को जीत दिलाई है। फॉर्म में वापसी की कोशिश कर रहे हैं पंत टेस्ट क्रिकेट में ऋषभ पंत पर भरोसा किया जा सकता है। इस साल की शुरुआत में ऑस्ट्रेलिया में उनका प्रदर्शन अच्छा नहीं रहा था। आईपीएल 2025 में लीग के इतिहास के सबसे महंगे खिलाड़ी के तौर पर लखनऊ में उनका प्रदर्शन उम्मीदों पर खरा नहीं उतरा। लेकिन फिर भी जब भी वह सफेद जर्सी पहनकर मैदान पर उतरते हैं तो वह भारत के सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ियों में से एक होते हैं। सेना के देशों (दक्षिण अफ्रीका, इंग्लैंड, न्यूजीलैंड और ऑस्ट्रेलिया) में 37.81 की औसत से 1681 रन, न्यूजीलैंड को छोड़कर हर जगह शतक, पंत की बल्लेबाज़ी की क्षमता को दर्शाता है। पंत ने अपने टेस्ट करियर के पहले पांच सालों में विदेशी परिस्थितियों में कुछ बेहतरीन पारियाँ खेली हैं।
इंग्लैंड में भी शानदार प्रदर्शन
भारत ने इंग्लैंड में जो आखिरी टेस्ट खेला था, उसमें पंत ने पहली पारी में 111 गेंदों पर 146 रन बनाए थे, जहाँ भारत 98 रन पर 5 विकेट खोकर मुश्किल में था। यह इंग्लैंड में उनका दूसरा टेस्ट शतक था। 7 साल पहले नॉटिंघम में अपने डेब्यू पर उन्होंने अपनी दूसरी गेंद पर छक्का लगाकर अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में अपना खाता खोला था। पंत ने पाँच मैचों की टेस्ट सीरीज़ की तैयारी के लिए भारत द्वारा आयोजित अभ्यास सत्रों में धीमा पड़ने के कोई संकेत नहीं दिखाए। उन्होंने लॉर्ड्स में एक स्टैंड की छत भी तोड़ दी और पास के बेकेनहैम मैदान के आस-पास रहने वाले लोगों को अपने शरारती छक्कों से बचने के लिए मजबूर कर दिया।
बदानी ने कहा कि गंभीर और भारतीय टीम प्रबंधन को टेस्ट सीरीज से पहले उनसे बात करनी चाहिए थी और यह स्पष्ट करना चाहिए था कि उन्हें अपना स्वाभाविक खेल खेलना जारी रखना चाहिए, जिसने पिछले 6-7 सालों में उन्हें लाल गेंद वाले क्रिकेट में सफलता दिलाई है। वह भारतीय टीम के उप-कप्तान इसलिए नहीं बने क्योंकि उन पर दबाव था। उन्हें टेस्ट क्रिकेट में उनकी सफलता के कारण नेतृत्व की भूमिका के लिए चुना गया था।