टेक न्यूज़ डेस्क,गूगल ने कुछ अनोखे व खास अंदाज में 76वें गणतंत्र दिवस के मौके पर एक शानदार गूगल डूडल बनाया है। इस गूगल डूडल में 1950 के उस ऐतिहासिक क्षण को दिखाया गया है जब भारत का संविधान लागू हुआ और यह देश एक संप्रभु गणराज्य बन गया। गूगल ने आज अपने होमपेज पर पारंपरिक पोशाक पहने एक हिम तेंदुआ व धोती-कुर्ता में एक बाघ को दिखाया है।पुणे के अतिथि कलाकार, रोहन दाहोत्रे द्वारा तैयार की गई कलाकृति, भारत की समृद्ध विरासत का सम्मान करने वाले विभिन्न तत्वों के साथ देश की विविधता और एकता को प्रदर्शित करती है।
गूगल डूडल में गणतंत्र दिवेस परेड का रंगीन चित्रण किया गयाहै। राजधानी नई दिल्ली में आयोजित होने वाले सेलिब्रेशन की यह एक पहचान है। इस डूडल में यह विभिन्न राज्यों की पारंपरिक पोशाक और प्रदर्शन को दर्शाता है, जो कला के केंद्र में वन्य जीवन के साथ पारिस्थितिक विरासत के साथ शामिल विविधता को उजागर करता है।डूडल बनाने वाले कलाकार रोहन दाहोत्रे ने कहा, “मेरे शुरुआती विचार जश्न मनाने के लिए एक साथ आने वाले विभिन्न संस्कृतियों के लोगों की एकता को प्रदर्शित करने पर केंद्रित थे। भारत की अविश्वसनीय जीवंतता इसकी विविधता – संस्कृतियों, परंपराओं और इसके लोगों की रंगीन पोशाक में निहित है।
इसके अलावा Google ने गणतंत्र दिवस समारोह की अहमियत पर भी हर किसी का ध्यान अपनी ओर खींचा। इसमें कहा गया है कि गणतंत्र दिवस परेड को व्यापक रूप से देखा जाता है। इसमें भाग लिया जाता है और यह कर्तव्य पथ से इंडिया गेट तक कई किलोमीटर की दूरी तय करती है।इसमें मौजूद लोग देशभर से रंग-बिरंगी, भव्य झांकियों और सांस्कृतिक परफॉर्मेंस का आनंद लेते हैं Google ने गणतंत्र दिवस के महत्व को समझाते हुए लिखा कि, 1950 में इस दिन भारत ने आधिकारिक तौर पर संविधान को अपनाया था।
- इंडोनेशिया के राष्ट्रपति प्रबोवो सुबियांटो गणतंत्र दिवस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि हैं। राष्ट्रीय कार्यक्रमों में ‘जन भागीदारी’ बढ़ाने के सरकार के उद्देश्य के अनुरूप परेड को देखने के लिए करीब 10 हजार मेहमानों को आमंत्रित किया गया है।
- इस बार ‘स्वर्णिम भारत: विरासत और विकास’ थीम पर कर्तव्य पथ पर 31 झांकियां निकाली जाएंगी। पहली बार तीनों सेनाओं की झांकी सशस्त्र बलों के बीच एकजुटता और एकीकरण की भावना को प्रदर्शित करेगी।
- ये पहली बार होगा जब परेड में 5000 कलाकारों द्वारा सांस्कृतिक प्रदर्शन होगा और वो पूरे कर्तव्य पथ को कवर करेंगे। परेड सुबह 10 बजकर 30 मिनट पर शुरू होगी और लगभग 90 मिनट तक चलेगी।