इंस्टाग्राम पर 12 लाख से ज़्यादा फ़ॉलोअर्स वाली एक मशहूर इन्फ्लुएंसर को ईडी ने गिरफ़्तार किया है। ईडी ने 40 करोड़ रुपये के मनी लॉन्ड्रिंग मामले में उन पर शिकंजा कसा है। संदीपा विर्क नाम की इस इन्फ्लुएंसर के ख़िलाफ़ मोहाली के एक पुलिस स्टेशन में भारतीय दंड संहिता की धारा 406 (आपराधिक विश्वासघात) और 420 (धोखाधड़ी) के तहत दर्ज एक एफ़आईआर से जुड़ा मामला है। इसमें उन पर झूठे बहाने और झूठे दावों के ज़रिए लोगों से पैसे ऐंठने का आरोप लगाया गया था। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए), 2002 के तहत मनी लॉन्ड्रिंग के एक मामले में मंगलवार और बुधवार को दिल्ली और मुंबई में कई जगहों पर छापेमारी की।
ईडी को मिली फ़र्ज़ी वेबसाइट
ईडी के अनुसार, संदीपा विर्क पर धोखाधड़ी से पैसे लेने का आरोप है। उन्होंने खुद को hyboocare.com नामक एक वेबसाइट की मालिक बताया था, जो FDA-अनुमोदित सौंदर्य उत्पाद बेचने का दावा करती थी। हालाँकि, जाँचकर्ताओं ने पाया कि ये उत्पाद मौजूद ही नहीं थे, वेबसाइट पर उपयोगकर्ता पंजीकरण सुविधाएँ नहीं थीं, भुगतान गेटवे लगातार विफल हो रहा था और इसकी सोशल मीडिया पर कोई उपस्थिति नहीं थी।
नटराजन सेतुरमन के साथ कथित संबंधों का भी खुलासा
इसके अलावा, संदीपा का व्हाट्सएप नंबर बंद था और कंपनी का कोई भी संपर्क नंबर उपलब्ध नहीं था। जो स्पष्ट रूप से मनी लॉन्ड्रिंग की ओर इशारा करता है। ईडी की जाँच में विर्क के अब बंद हो चुकी रिलायंस कैपिटल लिमिटेड के पूर्व निदेशक अंगाराई नटराजन सेतुरमन के साथ कथित संबंधों का भी पता चला। सेतुरमन के आवास पर की गई तलाशी में कथित तौर पर “अवैध संपर्क कार्य” और निजी लाभ के लिए धन के दुरुपयोग में उनकी भूमिका की पुष्टि हुई।
एजेंसी ने कहा कि रिलायंस कमर्शियल फाइनेंस लिमिटेड (आरसीएफएल) से लगभग 18 करोड़ रुपये का सार्वजनिक धन 2018 में बिना किसी उचित जाँच-पड़ताल के और अत्यधिक अनियमित ऋण शर्तों के तहत सेतुरमन को वितरित किया गया था, जिसमें ऋण स्थगन और कई बार ऋण माफी की अनुमति थी। समाचार एजेंसी पीटीआई को दिए एक बयान में, सेतुरमन ने आरोपों को “निराधार” बताते हुए खारिज कर दिया। उन्होंने विर्क के साथ किसी भी तरह के संबंध या उससे संबंधित किसी भी लेन-देन से भी इनकार किया।