आईपीएल 2025 में अब तक 23 मैच खेले जा चुके हैं। इसके साथ ही प्लेऑफ की उल्टी गिनती शुरू हो गई है। सभी 10 टीमों ने न्यूनतम 3 मैच और अधिकतम 5 मैच खेले हैं। 2025 सीज़न के लिए आईपीएल अंक तालिका अजीब तरीके से आगे बढ़ रही है। पांच बार की चैंपियन मुंबई इंडियंस और चेन्नई सुपर किंग्स पिछले सीजन की उपविजेता सनराइजर्स हैदराबाद के साथ निचले तीन स्थानों पर हैं। तीनों टीमों को 4-4 हार का सामना करना पड़ा है और पांच मैचों के बाद प्रत्येक के पास केवल 2 अंक हैं। इन तीनों का नेट रन रेट माइनस है।
आईपीएल 2025 की अंक तालिका में ये चार टीमें हैं टॉप पर
23 मैचों के बाद शुभमन गिल की अगुवाई वाली गुजरात टाइटन्स आईपीएल 2025 अंक तालिका में शीर्ष पर है। उनके 5 मैचों में 4 जीत के साथ 8 अंक हैं। दिल्ली कैपिटल्स दूसरे स्थान पर है। उसके 3 मैचों में 3 जीत के साथ 6 अंक हैं, जबकि आरसीबी के 4 मैचों में 3 जीत के साथ 6 अंक हैं। पंजाब किंग्स के भी 4 मैचों में 3 जीत के साथ 6 अंक हैं। इन दोनों टीमों को नेट रन रेट के आधार पर ऊपर-नीचे स्थान दिया गया है। आपको बता दें कि आईपीएल में प्रत्येक टीम को लीग चरण में 14 मैच खेलने का मौका मिलता है।
आईपीएल प्लेऑफ में पहुंचने के लिए कितने अंक चाहिए?
अब सवाल यह है कि आईपीएल प्लेऑफ में पहुंचने की दौड़ में कम से कम कितनी जीत और कितने अंक चाहिए? दरअसल, प्रत्येक मौसम में यह दृश्य अलग-अलग तरीके से काम करता है। हालांकि, ऐसा माना जा रहा है कि 8 मैच जीतने वाली टीम 16 अंकों के साथ प्लेऑफ में पहुंच जाएगी। कई बार ऐसा देखा गया है कि टीमें 14 अंक के साथ भी प्लेऑफ के लिए क्वालीफाई कर गई हैं। टीम 12 अंकों के साथ प्लेऑफ में भी पहुंच गई है, लेकिन यह काफी हद तक नेट रन रेट से तय होता है।
केकेआर ने 2021 में 14 अंकों के साथ प्लेऑफ के लिए क्वालीफाई किया
2021 में कोलकाता नाइट राइडर्स ने 14 अंकों के साथ चौथे स्थान पर रहकर प्लेऑफ के लिए क्वालीफाई किया। उस समय मुंबई इंडियंस के भी 14 अंक थे, लेकिन नेट रन रेट के आधार पर केकेआर बेहतर थी। आपको बता दें कि आईपीएल में हर जीत के बाद 2 अंक दिए जाते हैं, जबकि नेट रन रेट की गणना जीत और हार के अंतर के आधार पर की जाती है। बराबरी वाले मैच में दोनों टीमों के बीच एक-एक अंक बांट दिया जाता है।
आईपीएल अंक तालिका में शीर्ष-2 में रहने का क्या फायदा है?
यहां एक और दिलचस्प बात यह है कि रैंकिंग में शीर्ष 2 टीमों को फाइनल में पहुंचने के लिए कम से कम दो मौके मिलते हैं। दरअसल, क्वालीफायर-1 शीर्ष-2 टीमों के बीच खेला जाता है। जीतने वाली टीम को सीधे फाइनल का टिकट मिलता है, जबकि हारने वाली टीम एलिमिनेटर मैच के विजेता के साथ क्वालीफायर-2 खेलती है। इस मैच की विजेता टीम फाइनल में पहुंचने वाली दूसरी टीम बन जाएगी।