वरिष्ठ नागरिकों के लिए आयकर रिटर्न (ITR) दाखिल करना एक महत्वपूर्ण कार्य है, जिसे सही तरीके से करना बेहद जरूरी है। सही ITR फॉर्म का चयन उनकी आय के स्रोत, कुल आय और विशेष स्थितियों पर निर्भर करता है। आयकर विभाग ने वरिष्ठ नागरिकों के लिए विशेष प्रावधान और टैक्स छूट दी हैं, जिनका लाभ उठाने के लिए सही फॉर्म चुनना जरूरी है। आइए विस्तार से जानते हैं कि वरिष्ठ नागरिकों को कौन सा ITR फॉर्म भरना चाहिए और किन बातों का ध्यान रखना चाहिए।
वरिष्ठ नागरिकों को मिलने वाली टैक्स छूट
भारत में वरिष्ठ नागरिकों को आयकर में विशेष छूट मिलती है।
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60 वर्ष या उससे अधिक उम्र के वरिष्ठ नागरिकों को सालाना 3 लाख रुपए तक की आय पर टैक्स नहीं देना होता।
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वहीं, 80 वर्ष से अधिक उम्र के अति वरिष्ठ नागरिकों को सालाना 5 लाख रुपए तक की आय पर टैक्स से पूरी छूट दी जाती है।
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जबकि अन्य करदाताओं के लिए यह सीमा केवल 2.5 लाख रुपए है।
इस तरह वरिष्ठ नागरिकों को टैक्स भुगतान में बड़ी राहत मिलती है, लेकिन फिर भी उन्हें सही तरीके से अपना रिटर्न फाइल करना जरूरी होता है।
क्या वरिष्ठ नागरिकों को रिटर्न फाइल करने से छूट है?
75 वर्ष से अधिक उम्र के उन वरिष्ठ नागरिकों को आयकर रिटर्न दाखिल करने से छूट दी गई है, जिनकी आय का स्रोत केवल पेंशन और ब्याज है और वह भी उसी बैंक से आता हो।
लेकिन इसके लिए कुछ शर्तें पूरी करनी जरूरी हैं:
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पहले फॉर्म 12BBA के जरिए एक घोषणा करनी होती है।
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इस फॉर्म को उस बैंक में जमा करना होता है जो सरकार द्वारा अधिसूचित हो।
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इस प्रक्रिया के बाद ही वे आयकर रिटर्न फाइल करने की बाध्यता से मुक्त हो सकते हैं।
अगर वरिष्ठ नागरिक की आय के स्रोत अलग-अलग हैं या एक से अधिक बैंक से ब्याज मिल रहा है, तो उन्हें सामान्य प्रक्रिया से ITR फॉर्म भरना पड़ेगा।
कौन-सा ITR फॉर्म चुनें?
1. ITR-1 (सहज फॉर्म)
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यह फॉर्म उन वरिष्ठ नागरिकों के लिए है जिनकी आय केवल वेतन, पेंशन, एक मकान से किराए की आय और अन्य स्रोतों (जैसे ब्याज) से आती है।
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कुल आय 50 लाख रुपए से कम होनी चाहिए।
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इस फॉर्म का उपयोग वे वरिष्ठ नागरिक नहीं कर सकते जो किसी कंपनी में निदेशक हैं, विदेशी संपत्ति रखते हैं, या देश के बाहर से आय अर्जित करते हैं।
2. ITR-2
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अगर वरिष्ठ नागरिक के पास एक से अधिक मकान, स्टॉक्स या म्यूचुअल फंड से पूंजीगत लाभ की आय है, तो उन्हें ITR-2 फॉर्म भरना चाहिए।
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विदेश में संपत्ति या आय अर्जित करने वाले वरिष्ठ नागरिकों को भी यही फॉर्म भरना होगा।
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इसके अलावा, अगर किसी वरिष्ठ नागरिक को वेतन, पेंशन और अन्य स्रोतों के अलावा पूंजीगत लाभ भी मिल रहा है, तो भी ITR-2 ही उपयुक्त फॉर्म है।
3. ITR-3
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यदि कोई वरिष्ठ नागरिक पेशेवर सेवाओं (जैसे डॉक्टर, वकील, कंसल्टेंट आदि) से आय अर्जित कर रहा है, तो उसे ITR-3 फॉर्म का चुनाव करना चाहिए।
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जो वरिष्ठ नागरिक ITR-1, ITR-2 या ITR-4 के दायरे में नहीं आते हैं, उनके लिए भी ITR-3 उपयुक्त फॉर्म है।
4. ITR-4 (सुगम फॉर्म)
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अगर वरिष्ठ नागरिक की आय व्यापार या पेशेवर सेवाओं से है और वह प्रिजम्पटिव इनकम स्कीम (जैसे 44AD, 44ADA या 44AE) के तहत आती है, तो वह ITR-4 का चुनाव कर सकते हैं।
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कुल आय 50 लाख रुपए से कम होनी चाहिए।
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हालांकि, जिन वरिष्ठ नागरिकों की विदेशी संपत्ति है या विदेशी आय है, वे ITR-4 का उपयोग नहीं कर सकते।
सही फॉर्म चुनने के फायदे
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टैक्स छूट का पूरा लाभ लेने के लिए सही ITR फॉर्म चुनना जरूरी है।
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सही फॉर्म से रिटर्न प्रोसेसिंग में तेजी आती है और गलत फॉर्म भरने पर नोटिस या जुर्माना लगने का खतरा नहीं रहता।
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आय के स्रोत और प्रकृति के आधार पर सही फॉर्म चुनने से टैक्स बचत के लिए विभिन्न प्रावधानों (जैसे धारा 80C, 80D) का लाभ लेना आसान होता है।
निष्कर्ष
वरिष्ठ नागरिकों को अपना टैक्स रिटर्न फाइल करते समय बहुत सतर्कता बरतनी चाहिए। सही ITR फॉर्म का चुनाव न केवल कानूनी दायित्व निभाने के लिए जरूरी है, बल्कि टैक्स छूट और सुविधाओं का पूरा लाभ उठाने के लिए भी अनिवार्य है