आयकर रिटर्न (आईटीआर) दाखिल करने की आखिरी तारीख नजदीक आ रही है। 15 सितंबर की समयसीमा से पहले ही लोग बेचैन हो रहे हैं। वजह है – पोर्टल की दिक्कतें और धीमी फाइलिंग स्पीड। तो अब सवाल यह है कि क्या सरकार समयसीमा बढ़ाएगी? आयकर विभाग के पोर्टल के अनुसार, 7 सितंबर तक कुल 13.35 करोड़ पंजीकृत उपयोगकर्ताओं में से केवल 4.89 करोड़ लोगों ने ही आईटीआर दाखिल किया है। इनमें से 4.63 करोड़ रिटर्न सत्यापित हो चुके हैं और केवल 3.35 करोड़ ही प्रोसेस हुए हैं। यानी अभी भी बड़ी संख्या में लोग बचे हुए हैं।
देश के कई व्यापारिक और पेशेवर संगठनों ने सीबीडीटी से समयसीमा बढ़ाने की अपील की है। उनका कहना है कि पोर्टल बार-बार धीमा हो रहा है, लॉग-इन में दिक्कत आ रही है और कई बार सिस्टम अपने आप बंद हो जाता है। जिससे उन्हें कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।
फेडरेशन ऑफ कर्नाटक चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (एफकेसीसीआई) और सीएएएस ने कहा कि इस साल आईटीआर सॉफ्टवेयर में देरी हुई है और नियमों का पालन बेहद मुश्किल हो रहा है। वहीं, बीसीएएस (बॉम्बे चार्टर्ड अकाउंटेंट्स सोसाइटी) ने भी पत्र लिखकर आईटीआर फाइलिंग, टैक्स ऑडिट और ट्रांसफर प्राइसिंग की समय सीमा बढ़ाने की मांग की है।
क्या हैं शिकायतें?
पोर्टल पर एआईएस, टीआईएस और फॉर्म 26एएस में त्रुटियाँ
गलत वित्तीय डेटा
नए नियमों के कारण ज़्यादा कागजी कार्रवाई
पोर्टल धीमा और व्यस्त समय में लॉग-इन नहीं
देश के टैक्स बार एसोसिएशन ने कहा कि अगर वित्तीय जानकारी में कोई गलती हुई तो सही रिटर्न दाखिल करना मुश्किल होगा।
चिंता क्यों?
फ़िलहाल, अंतिम तिथि 15 सितंबर है और यह केवल उन लोगों पर लागू होती है जिन्हें ऑडिट की आवश्यकता नहीं है। लेकिन फाइलिंग की धीमी गति और बार-बार आने वाली तकनीकी गड़बड़ियों ने करदाताओं को तनाव में डाल दिया है। अब सबकी निगाहें सीबीडीटी पर हैं कि क्या लोगों को आखिरी समय में राहत दी जाएगी या समय सीमा वही रहेगी।