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Karanveer Mehra को जिताने के लिए Big Boss ने चली इतनी गहरी चाल, एक क्लिक में जानिए क्यों हुई ‘लाडले’ की हार

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टीवी न्यूज़ डेस्क – BIGG BOSS 18 का फिनाले खत्म हो चुका है. हर साल की तरह इस साल भी जनता और बिग बॉस को अपना विनर मिल गया है. करणवीर मेहरा ने फाइनल की रेस में विवियन डीसेना को हराकर ट्रॉफी अपने नाम कर ली. 105 दिनों के सफर में खूब झगड़े हुए, बिग बॉस का अपने चहेते विवियन का हर कदम पर साथ देना, टास्क में धोखा, दोस्ती तोड़ना और रिश्तों को मजबूत करना… बहुत कुछ देखने को मिला. लेकिन जब सलमान खान ने टॉप 2 फाइनलिस्ट में से करणवीर मेहरा का हाथ उठवाकर उन्हें विनर घोषित किया तो यहां बिग बॉस जीत गए. लेकिन जिसने रनरअप रहे विवियन डीसेना को हराया वो खुद बिग बॉस थे. करणवीर मेहरा ने बिग बॉस 18 में जिस तरह से गेम खेला है, वो इस शो को जीतने के पूरी तरह से हकदार थे. जब वो फाइनल में पहुंचे तो लोगों को कहीं न कहीं ये पता था कि हर साल की तरह इस बार भी बिग बॉस खेलेंगे, लेकिन इस बार ऐसा नहीं हुआ. जिसने वाकई पूरे शो में अकेले लड़ाई लड़ी और अपना गेम खेलता रहा, वो ही ट्रॉफी का हकदार था. लेकिन सवाल ये है कि बिग बॉस ने अपने लाडले को कैसे हरा दिया? जानिए शुरुआत से लेकर अब तक क्या-क्या हुआ।

बिग बॉस की वजह से विवियन हारे फाइनल!
जब ‘बिग बॉस 18’ शुरू हुआ था, उस समय ये साफ हो गया था कि विवियन डीसेना फाइनल में जरूर जाएंगे। अब इसे कॉन्ट्रैक्ट का हिस्सा कहें या कुछ और। विवियन जानते थे कि उन्हें वोट मिले या न मिले, वो पूरे सीजन के लिए सुरक्षित हैं। नॉमिनेशन में आने के बाद भी वो कोई एक्स्ट्रा एफर्ट करते नहीं दिखे। उनकी जगह बिग बॉस एक्स्ट्रा काम कर रहे थे। वैसे तो पिछले 17 सीजन में बिग बॉस और सलमान खान ने अपने पसंदीदा कंटेस्टेंट को खूब सपोर्ट किया है, लेकिन पहले दिन इस बात का खुलकर ऐलान नहीं किया गया कि ये कंटेस्टेंट फाइनल में जा रहा है। ऐसे में जनता को भी लगने लगा कि ऐसा करना दूसरे कंटेस्टेंट के साथ गलत है।

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वो 5 पॉइंट, जिसकी वजह से विवियन हार गए
1. बिग बॉस 18 के घर में विवियन डीसेना जिस तरह से खेल रहे थे, उनकी बॉडी लैंग्वेज से साफ लग रहा था कि वो खुद को विनर मान चुके थे। उन्हें न तो टास्क करने में दिलचस्पी थी, न ही उन्हें किसी मुद्दे में पड़ना था।
2. विवियन डीसेना बिग बॉस 18 के घर में लाडला बनकर आए थे। यही वजह है कि बिग बॉस ने उनका आधा खेल खराब कर दिया। उन्हें बार-बार कन्फेशन रूम में बुलाकर दूसरे कंटेस्टेंट की प्लानिंग और उनके खिलाफ या दूसरों के खिलाफ क्या चल रहा है, यह सब बताते रहे, जबकि विवियन को बताया जा रहा था।
3. जिस तरह से बिग बॉस ने विवियन को गोद में बैठाकर खिलाया है, उसकी वजह से उन्होंने खेलने में ज्यादा मेहनत नहीं की। वो इतने सेफ जोन में चले गए थे कि उनके दिमाग में यह बात थी कि वो कुछ भी करें, फाइनल का टिकट पक्का है।
4. शुरुआत में विवियन डीसेना ने खेलने में कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई, जिसकी वजह से वो लोगों की नजरों में आ गए। बिग बॉस पर सवाल उठे और इसका असर टीआरपी चार्ट पर भी पड़ा। फाइनल में आकर विवियन ने अपना गेम प्लान शुरू किया, लेकिन वो खेल के नाम पर कुछ भी कर रहे थे। टास्क में जो कुछ भी हुआ, उस पर लोगों ने खूब सवाल उठाए।
5. अब चूंकि विवियन डीसेना कलर्स के लाडले हैं, तो उन्हें इतना आराम तो मिलना ही था। लेकिन फाइनल से कुछ समय पहले हुए फैमिली वीक में जिस तरह से उनकी पत्नी को बार-बार बुलाया गया और एक्टर की काउंसलिंग की गई, वो भी लोगों को पसंद नहीं आया। बिग बॉस पर भेदभाव का आरोप लगा। जहां एक बार सबके परिवार वाले आए, वहीं दूसरी तरफ उनकी पत्नी घर में बार-बार उनकी काउंसलिंग करती नजर आईं।

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बिग बॉस ने उन्हें कैसे हरा दिया?
अब कॉन्ट्रैक्ट के मुताबिक विवियन डीसेना को एक्स्ट्रा सपोर्ट देना था, तो बिग बॉस उन्हें नॉमिनेशन से बचाकर ऐसा कर सकते थे। वैसे भी किसे कितने वोट मिले, किसे एलिमिनेट करना है, किसे रखना है? ये तो बिग बॉस ही तय करते हैं। लेकिन विवियन डीसेना के लिए जरूरी था कि वो उन्हें उनका खेल खेलने दें। पहले दिन से ही बिग बॉस उनकी तरफ से लड़े, मानो विवियन के वकील खुद बिग बॉस हों। विवियन समझ चुके थे कि अब उन्हें खेलने की क्या जरूरत है, उन्हें तो सब मिल रहा है। अगर वो अपना खेल खेलते तो फिनाले में करणवीर मेहरा के लिए कड़ी टक्कर होती और विवियन जीत भी जाते तो लोग सवाल नहीं उठा पाते। क्योंकि तब एक बात होती, वो खुद पूरा सीजन खेल चुके है।

विवियन को क्यों नहीं जिताया गया?
पिछले कई सालों से बिग बॉस पर लोगों ने खूब सवाल उठाए हैं जनता का मानना ​​है कि डिजर्विंग कंटेस्टेंट को छोड़कर कलर्स टीवी के बेटे-बहू को हमेशा फिनाले में जिताया जाता है। या फिर अपनी मर्जी से फैसले लिए जाते हैं, जो पूरे सीजन में अच्छा परफॉर्म करता रहा है वो पीछे रह जाता है। बिग बॉस पर लोगों का कम होता भरोसा आने वाले सीजन के लिए बिल्कुल भी अच्छा नहीं है। ऐसे में बिग बॉस के पास खुद को साबित करने का बड़ा मौका था। आखिर में उन्हें अपने प्यारे बेटे को हराना था, जिसे शायद वो जिताना चाहते थे और ट्रॉफी करणवीर को देनी थी, जो वाकई इसके हकदार थे

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