आजकल अधिकतर लोग बीमा करवाते हैं। पहले घर के बड़े-बुजुर्ग कहते थे कि जो बच गया वो तुम्हारा है। अब सरकारी और निजी नौकरी वाले लोग भी अलग-अलग तरीकों से बचत करते हैं। इसमें एलआईसी भी एक माध्यम है। एलआईसी देश की सबसे बड़ी जीवन बीमा कंपनी है। लेकिन कई बार ऐसा होता है कि घर के बड़े-बुजुर्गों के न होने पर बच्चों को पता ही नहीं चलता कि बीमा का पैसा उनके नाम पर जमा है। आज हम आपको बताएंगे कि आप कैसे जान सकते हैं कि आपके नाम पर कोई अनक्लेम्ड रकम है या नहीं?
अब प्रश्न यह है कि अघोषित राशि क्या है? आपको बता दें कि अनक्लेम्ड राशि वह राशि है जो पॉलिसीधारकों ने मैच्योरिटी पूरी होने के बाद भी नहीं ली है। नियमों के अनुसार, यदि पॉलिसीधारक को बीमाकर्ता से तीन वर्ष या उससे अधिक समय तक कोई लाभ नहीं मिला है, तो राशि को दावा रहित माना जाता है। आपको बता दें कि ऐसा उन स्थितियों में अधिक होता है, जब या तो पॉलिसीधारक प्रीमियम का भुगतान करना बंद कर देता है या फिर पॉलिसीधारक की मृत्यु हो जाती है। इसके अलावा पॉलिसी परिपक्व होने के बाद भी कोई भी व्यक्ति राशि निकालने के लिए आगे की प्रक्रिया पूरी नहीं करता है।
आपको बता दें कि जीवन बीमा निगम की अनक्लेम्ड मैच्योरिटी चेक करने के लिए सबसे पहले आपको एलआईसी की वेबसाइट https://licindia.in/home पर जाना होगा। इसके बाद अब होमपेज पर कस्टमर सर्विस ऑप्शन पर क्लिक करें। इसके बाद पॉलिसीधारक अघोषित राशि का चयन कर उस पर क्लिक करता है। पॉलिसी नंबर, नाम, जन्मतिथि और पैन कार्ड नंबर जैसे विवरण भरें और अंत में सबमिट बटन पर क्लिक करें। इस राशि का दावा करने के लिए एलआईसी कार्यालय से फॉर्म लें या साइट से डाउनलोड करें। अब इसे पॉलिसी दस्तावेजों जैसे प्रीमियम रसीदों और यदि पॉलिसीधारक की मृत्यु हो गई है तो मृत्यु प्रमाण पत्र के साथ संलग्न करके जमा कर दें। इसके बाद जीवन बीमा निगम इस दावे की जांच करेगा। यदि यह स्वीकृत हो जाता है, तो दावा न की गई राशि आपको हस्तांतरित कर दी जाएगी।
जीवन बीमा निगम ने 2024 में बताया था कि उनके पास करीब 880.93 करोड़ रुपए की मैच्योरिटी राशि है, जिस पर कोई दावा नहीं कर रहा है। वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने लोकसभा में इसकी जानकारी देते हुए बताया था कि जीवन बीमा निगम के पास 880.93 करोड़ रुपये की बिना दावे वाली परिपक्वता राशि है।