मनोरंजन न्यूज़ डेस्क – भारतीय राजनीति में कई ऐसे राजनेता हुए हैं जो ओस क्षेत्र से न होते हुए भी इस क्षेत्र में आए और अपनी एक मजबूत पहचान बनाई। हर चुनाव में कई फिल्मी सितारे चुनावी मैदान में उतारे जाते हैं। कुछ जीतते हैं तो कुछ हारते हैं। जीतने वालों में कुछ ही ऐसे होते हैं जो पूरी तरह से राजनीति में सक्रिय होते हैं। भोजपुरी सिनेमा के जाने-माने गायक-अभिनेता मनोज तिवारी के राजनेता बनने के सफर की शुरुआत भी कुछ ऐसी ही रही लेकिन सफर कुछ अलग नजर आता है। भोजपुरी सिनेमा में सफलता हासिल करने के बाद मनोज ने अब राजनीति में भी अपनी दमदार मौजूदगी दर्ज कराई है। उन्होंने न सिर्फ बीजेपी की तरफ से चुनाव जीता बल्कि दिल्ली के प्रदेश अध्यक्ष भी बने। आज मनोज तिवारी का जन्मदिन है, आइए जानते हैं उनके जीवन से जुड़ी कुछ खास बातें।
शास्त्रीय संगीत में निपुण हैं मनोज तिवारी
मनोज तिवारी का जन्म 1 फरवरी 1971 को उत्तर प्रदेश के वाराणसी में हुआ था। मनोज तिवारी के पिता का नाम चंद्रदेव तिवारी और माता का नाम ललिता देवी है। मनोज को बचपन से ही संगीत में रुचि रही है। उन्होंने संगीत में उच्च शिक्षा भी प्राप्त की है। उन्होंने बनारस हिंदू विश्वविद्यालय से एम.पी.एड की डिग्री प्राप्त की। राजनीति में सक्रिय होने से पहले मनोज का संगीत और भोजपुरी सिनेमा एक बड़ा अध्याय था। उन्होंने भोजपुरी में सैकड़ों गाने गाए और वे गाने आज भी पसंद किए जाते हैं। शास्त्रीय संगीत में उनके हुनर की वजह से उनके गानों का खूब बोलबाला रहा। भोजपुरी में लोकगीत हों या पार्टी सॉन्ग, वे सभी में माहिर थे।
भोजपुरी सिनेमा में उनकी कमाल की लोकप्रियता थी
मनोज तिवारी ने साल 2003 में भोजपुरी फिल्मों में कदम रखा। उन्होंने ‘ससुरा बड़ा पइसावाला’ से फिल्मों में एंट्री की। यह फिल्म मनोज तिवारी की सबसे बड़ी हिट फिल्मों में से एक है। उस समय यह फिल्म भोजपुरी की सबसे सफल फिल्मों की लिस्ट में शामिल हुई थी। यह कई सिनेमाघरों में महीनों तक चली थी। इसके बाद भी उनकी सफलता जारी रही। उन्होंने ‘दरोगा बाबू आई लव यू’ और ‘बंधन टूटे ना’ में काम किया। साल 2005 में बीबीसी की एक रिपोर्ट में मनोज तिवारी को रवि किशन के साथ भोजपुरी के सबसे बड़े एक्टर का खिताब मिला था। ये दोनों उस समय के सबसे महंगे एक्टर थे। इसके बाद मनोज ने 2010 में बिग बॉस में भी एंट्री की। उन्होंने कई हिंदी फिल्मों में भी काम किया। ‘गैंग्स ऑफ वासेपुर’ में उनका गाना ‘जिया हो बिहार के लाला’ काफी मशहूर हुआ।
ऐसा रहा राजनीतिक सफर
मनोज का एक्टर से राजनेता बनने का सफर भी दिलचस्प रहा। उन्होंने सबसे पहले गोरखपुर से चुनाव लड़ा। यह संयोग ही है कि वे उस समय जिस पार्टी के खिलाफ चुनाव लड़े थे, उसी पार्टी का अहम हिस्सा हैं। 2009 में मनोज तिवारी ने समाजवादी पार्टी से लोकसभा चुनाव लड़ा और राजनीति में कदम रखा, लेकिन सफल नहीं हुए। जनवरी 2011 में मनोज भाजपा में शामिल हो गए और फिर उनका राजनीतिक जीवन बदल गया। उन्होंने 2014 में उत्तर पूर्वी दिल्ली से चुनाव लड़ा और जीत हासिल की। उन्हें दिल्ली का प्रदेश अध्यक्ष भी बनाया गया। वे राजनीति में मंझे हुए नेता बन गए। अब वे ज्यादातर राजनीति में ही सक्रिय रहते हैं।
निजी जिंदगी
मनोज की निजी जिंदगी की बात करें तो उन्होंने साल 1999 में रानी से शादी की। दोनों की एक बेटी है जिसका नाम जिया है। उनके रिश्ते में खटास आ गई और साल 2012 में उनका तलाक हो गया। इसके बाद मनोज ने दूसरी शादी कर ली। उनकी दूसरी पत्नी का नाम सुरभि है। उनसे उनकी एक बेटी भी है जिसका जन्म 30 दिसंबर 2020 को हुआ।