मनोरंजन न्यूज़ डेस्क – बॉलीवुड ने कई सितारों को उभरते और गिरते देखा है। इन्हीं में से एक थीं अभिनेत्री नंदा। वह एक ऐसी अभिनेत्री थीं जिन्होंने अपने परिवार के लिए अपनी जान कुर्बान कर दी। नंदा का जन्म 8 जनवरी 1939 को हुआ था। वह उस समय की बेहद खूबसूरत अभिनेत्री थीं। 25 मार्च 2014 को उनका निधन हो गया। आज उनकी जयंती पर आइए जानते हैं उनके जीवन के संघर्ष के बारे में।
नंदा ने अपने पिता की मौत के बाद 7 साल की उम्र में ही अपना फिल्मी करियर शुरू कर दिया था। पिता की मौत के बाद उनके घर में कमाने वाला कोई नहीं था, इसलिए उन्होंने स्कूल छोड़ दिया और घर से ही अपनी पढ़ाई पूरी की। नंदा ने 1948 में फिल्म मंदिर से बतौर चाइल्ड एक्ट्रेस काम करना शुरू किया। 1956 में फिल्म तूफान और दीया के बाद वह बॉलीवुड में सुपरहिट हो गईं।
नंदा को फिल्मी दुनिया में जितना प्यार झेलना पड़ा, निजी जिंदगी में उन्हें उतनी ही मुश्किलों का सामना करना पड़ा। उस समय की बेहद खूबसूरत अभिनेत्री होने के बावजूद वह हमेशा अकेली रहीं। उन्होंने कभी शादी नहीं की। निर्देशक सूरज प्रकाश ने इससे जुड़ा एक किस्सा सुनाया था कि ‘जब जब फूल खिले’ की शूटिंग के दौरान एक महाराष्ट्रियन लेफ्टिनेंट कर्नल नंदा की खूबसूरती पर फिदा हो गए थे। कर्नल ने निर्देशक से अभिनेत्री के घर शादी का प्रस्ताव भेजने को भी कहा था, जिसे अभिनेत्री ने ठुकरा दिया था। नंदा के बारे में एक और किस्सा काफी मशहूर है।
निर्देशक मनमोहन देसाई उनसे प्यार करने लगे थे। लेकिन अपने शर्मीले स्वभाव के कारण वह कभी अपनी भावनाओं को व्यक्त नहीं कर पाए और उन्होंने जीवनप्रभा से शादी कर ली। लेकिन कुछ समय बाद उनकी किस्मत नंदा से मिल गई। निर्देशक की पत्नी का निधन हो गया। इसके बाद नंदा को भी मनमोहन से प्यार हो गया। नंदा ने 52 साल की उम्र में निर्देशक मनमोहन से सगाई कर ली थी। लेकिन किस्मत ने उनकी जिंदगी में कुछ और ही लिखा था। सगाई के दो साल बाद मनमोहन की अपने घर की छत से गिरकर मौत हो गई। इसके बाद अभिनेत्री इस गम से उबर नहीं पाईं। फिर उनकी मां की भी कैंसर से मौत हो गई। जिसके बाद नंदा ने आजीवन अविवाहित रहने का फैसला किया। इसके बाद उन्होंने खुद को घर तक ही सीमित कर लिया और कभी सार्वजनिक रूप से नजर नहीं आईं।