टेक न्यूज़ डेस्क – आज के डिजिटल युग में भारत के शहरी युवा ऑनलाइन डेटिंग ऐप्स का इस्तेमाल तेजी से कर रहे हैं, लेकिन इसके साथ ही इन ऐप्स पर फर्जी प्रोफाइल और स्कैम का खतरा भी बढ़ गया है। टिंडर, ओकेक्यूपिड और हिंज जैसे लोकप्रिय डेटिंग ऐप्स की मुख्य कंपनी मैच ग्रुप अब आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) की मदद से इन खतरों को कम करने की कोशिश कर रही है। मैच ग्रुप के ट्रस्ट और सेफ्टी के वाइस प्रेसिडेंट जोएल रोथ ने बताया कि हम AI के जरिए हर मिनट 44 से ज्यादा फर्जी अकाउंट हटाते हैं। आइए जानते हैं इसके बारे में।
AI की मदद
ऑनलाइन डेटिंग ऐप्स पर AI न सिर्फ फर्जी प्रोफाइल और आपत्तिजनक कंटेंट की पहचान करने में मदद करता है, बल्कि यह यूजर को सावधान रहने के लिए अलर्ट भी करता है। हालांकि, AI का गलत इस्तेमाल भी किया जा सकता है, खासकर डीपफेक तकनीक के जरिए। डीपफेक का इस्तेमाल करके लोग अपनी पहचान छिपा सकते हैं या दूसरों को गुमराह कर सकते हैं। मैच ग्रुप के एक आंतरिक अध्ययन में पाया गया कि डेटिंग प्रोफाइल में डीपफेक का इस्तेमाल कम है, लेकिन AI से संचालित फोटो एडिटिंग आम हो गई है।
डेटिंग घोटाले और उनकी रोकथाम
भारत में डेटिंग घोटाले तेजी से बढ़ रहे हैं, जिसमें मुख्य रूप से रेस्टोरेंट घोटाले और निवेश घोटाले शामिल हैं। रेस्टोरेंट घोटाले में धोखेबाज लोगों को महंगे रेस्टोरेंट में बुलाते हैं, महंगा खाना ऑर्डर करते हैं और फिर बिल चुकाए बिना भाग जाते हैं। बाद में पता चलता है कि वे रेस्टोरेंट से मिलीभगत रखते हैं और उन्हें इस घोटाले के लिए कमीशन मिलता है। निवेश घोटाले की बात करें तो इस घोटाले में धोखेबाज पहले भरोसा जीतते हैं और फिर आपको किसी फर्जी निवेश योजना में पैसा लगाने के लिए मना लेते हैं और जैसे ही उन्हें पैसा मिल जाता है, वे गायब हो जाते हैं।
ऑनलाइन डेटिंग में कैसे सुरक्षित रहें?
यूजर जल्दबाजी में वॉट्सऐप या इंस्टाग्राम पर शिफ्ट हो जाते हैं, जिससे वे धोखेबाजों के जाल में फंस सकते हैं। ऐप्स में सुरक्षा उपाय होते हैं, इसलिए आप लंबे समय तक ऐप पर बने रहते हैं। अगर आपको किसी तरह की धोखाधड़ी या दुर्व्यवहार का सामना करना पड़ा है, तो तुरंत ऐप पर इसकी रिपोर्ट करें और संबंधित अधिकारियों को भी सूचित करें। टिंडर ने भारतीय भाषाओं में एक सुरक्षा गाइड लॉन्च किया है, जो स्वस्थ डेटिंग अनुभव, सहमति और सुरक्षा के बारे में सुझाव देता है।