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Oracle के AI बूम से रातों-रात करोड़पति बने बेंगलुरु के सॉफ्टवेयर इंजीनियर, जाने कैसे मिनटों में पलटी इनकी किस्मत

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बेंगलुरु, दुनिया की बड़ी टेक कंपनियों में हाल ही में ऐसा भूचाल आया जिसने न सिर्फ अंतरराष्ट्रीय बाजारों को चौंकाया बल्कि भारत के बेंगलुरु में बैठे हजारों युवाओं की जिंदगी भी पूरी तरह बदल दी। Oracle के AI क्लाउड सर्विसेज से जुड़े अरबों डॉलर के सौदों ने न केवल कंपनी के संस्थापक लैरी एलिसन को अचानक दुनिया का सबसे अमीर व्यक्ति बना दिया, बल्कि कंपनी के कई कर्मचारियों को भी रातों-रात मिलियनेयर बना दिया।

लैरी एलिसन बने दुनिया के सबसे अमीर

कुछ ही दिनों पहले तक Tesla के मालिक एलन मस्क दुनिया के सबसे अमीर व्यक्ति थे, लेकिन Oracle के शेयरों में ऐतिहासिक उछाल ने इस सूची में बड़ा फेरबदल कर दिया। Oracle के शेयरों में 36% की बढ़ोतरी हुई — जो 1992 के बाद सबसे बड़ी एक-दिवसीय छलांग थी। इस उछाल के बाद कंपनी का मार्केट कैप $933 बिलियन तक पहुंच गया। इस ऐतिहासिक वृद्धि ने एलिसन की दौलत में इतना इजाफा किया कि वे कुछ घंटों के लिए ही सही, लेकिन मस्क से भी आगे निकल गए।

कर्मचारियों के लिए सोने की खान बने RSUs

इस ऐतिहासिक छलांग का सबसे बड़ा फायदा कंपनी के कर्मचारियों को मिला। Oracle अपने कर्मचारियों को Restricted Stock Units (RSU) यानी कंपनी के शेयरों के रूप में अतिरिक्त पैकेज देती है। RSU का मतलब है कि कंपनी भविष्य में अपने कर्मचारियों को कुछ शर्तों के तहत शेयर देगी। ये शर्तें आमतौर पर कंपनी में बने रहना या टारगेट हासिल करना होती हैं। Oracle के शेयरों में आई रिकॉर्ड तेजी ने इन RSUs की वैल्यू को अचानक कई गुना बढ़ा दिया। यानी जिन कर्मचारियों के पास RSUs थे, उनकी नेटवर्थ में रातों-रात करोड़ों रुपये का इजाफा हो गया।

बेंगलुरु के युवाओं की बदली किस्मत

भारत की सिलिकॉन वैली कहे जाने वाले बेंगलुरु में Oracle के हजारों कर्मचारी काम करते हैं। इनमें से कई की किस्मत इस ऐतिहासिक बढ़त से चमक गई।

  1. 25 वर्षीय बीटेक ग्रेजुएट

    • 2022 में Oracle के बेंगलुरु ऑफिस में जॉइन किया। शेयरों में उछाल के बाद अब उनकी नेटवर्थ करीब ₹1.5 करोड़ हो चुकी है। यह रकम अगले दो सालों में और भी अधिक हो सकती है।

  2. 22 वर्षीय फ्रेश इंजीनियर

    • 2024 में कॉलेज से निकलते ही Oracle में ₹60 लाख सालाना पैकेज पर भर्ती हुए। इसके साथ ही ₹60 लाख मूल्य के RSUs भी दिए गए, जो तीन साल में वेस्ट होने वाले थे। अब इन RSUs की वैल्यू बढ़कर ₹1.25 करोड़ हो गई है और अनुमान है कि 2027 तक यह ₹2 करोड़ तक पहुंच जाएगी।

  3. लेऑफ के बाद रिहायर हुए कर्मचारी

    • एक कर्मचारी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म Blind पर लिखा, “Holy S$$$, I’m a millionaire today!” उन्होंने बताया कि फरवरी में Oracle से निकाले जाने के बाद दोबारा हायर हो गए और अपने सारे स्टॉक्स बचा लिए। आज उन्हीं स्टॉक्स की वजह से वे पहली बार अपनी जिंदगी में मिलियनेयर बन गए हैं।

लेऑफ के दर्द से राहत

पिछले साल Oracle समेत कई टेक कंपनियों में छंटनी हुई थी। बेंगलुरु के कई परिवार इस संकट से गुजरे। लेकिन अब उसी Oracle ने कर्मचारियों की जिंदगी में नई रोशनी ला दी है। जिन युवाओं को हाल ही में नौकरी मिली थी, उनके लिए यह “वेल्थ क्रिएशन का गोल्डन मोमेंट” साबित हुआ। जो लोग लेऑफ के बाद कंपनी में बने रहे या दोबारा हायर हुए, उनके लिए ये RSUs मानो लॉटरी बन गए।

Oracle का लक्ष्य: ट्रिलियन डॉलर क्लब

Oracle का अगला बड़ा लक्ष्य है ट्रिलियन-डॉलर मार्केट कैप।

  • 10 सितंबर को कंपनी ने AI क्लाउड सर्विसेज से जुड़े कई अरब डॉलर के सौदे किए।

  • इसी दिन शेयरों में 36% की ऐतिहासिक बढ़त हुई।

  • कंपनी अब Google, Apple और Microsoft की तरह ट्रिलियन-डॉलर क्लब में शामिल होने की दौड़ में है।

बेंगलुरु में मची हलचल

Oracle के इस उछाल के बाद बेंगलुरु की कॉर्पोरेट दुनिया में चर्चा का माहौल है। कैफे और को-वर्किंग स्पेस में युवा इंजीनियर अब RSUs, वेस्टिंग पीरियड और शेयर वैल्यू पर बातचीत कर रहे हैं। सोशल मीडिया पर #OracleMillionaires ट्रेंड कर रहा है। कई युवा अपने अनुभव शेयर कर रहे हैं कि कैसे उनके बैंक बैलेंस में अचानक करोड़ों रुपये जुड़ गए।

विशेषज्ञों की राय

आर्थिक जानकार मानते हैं कि Oracle की यह सफलता भारत में काम कर रहे युवाओं के लिए एक नई उम्मीद है। टेक कंपनियों का फोकस अब सिर्फ प्रोडक्ट डेवलपमेंट पर नहीं बल्कि AI क्लाउड सर्विसेज पर भी है। RSUs की नीति से कर्मचारी सीधे तौर पर कंपनी की सफलता में हिस्सेदार बनते हैं। इससे न केवल कंपनी के प्रति लॉयल्टी बढ़ती है बल्कि कर्मचारियों की लाइफस्टाइल और भविष्य की सुरक्षा भी बदल जाती है।

अचानक बने करोड़पति, लेकिन…

हालांकि अचानक मिली इस दौलत के साथ कुछ चुनौतियाँ भी हैं।

  • ज्यादातर कर्मचारियों की संपत्ति अभी स्टॉक मार्केट पर निर्भर है।

  • अगर शेयरों में गिरावट आई तो उनकी नेटवर्थ भी कम हो सकती है।

  • वित्तीय सलाहकारों का मानना है कि इन कर्मचारियों को अपनी संपत्ति को डाइवर्सिफाई करना चाहिए और केवल शेयरों पर निर्भर नहीं रहना चाहिए।

Oracle की AI बूम ने यह साबित कर दिया है कि टेक्नोलॉजी न सिर्फ कंपनियों को बदल सकती है, बल्कि कर्मचारियों की जिंदगी भी पलट सकती है। लैरी एलिसन के दुनिया का सबसे अमीर बनने की खबर जहां ग्लोबल मीडिया की सुर्खियां बनी, वहीं भारत के बेंगलुरु में यह खबर हजारों युवाओं के लिए जिंदगी बदलने वाला क्षण बन गई। आज Oracle के कई युवा कर्मचारी करोड़पति हैं और आने वाले समय में यह संख्या और भी बढ़ सकती है।

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