इन दिनों चेन्नई में बुची बाबू टूर्नामेंट के मैच खेले जा रहे हैं। टूर्नामेंट का तीसरा मैच महाराष्ट्र और छत्तीसगढ़ के बीच खेला जा रहा है। इस मैच में महाराष्ट्र की ओर से खेल रहे पृथ्वी शॉ ने शानदार शतक जड़ा है। शॉ का महाराष्ट्र के लिए यह पहला मैच है। इससे पहले वह घरेलू क्रिकेट में मुंबई के लिए खेलते थे। छत्तीसगढ़ के खिलाफ इस मैच में उन्होंने 141 गेंदों पर 15 चौकों और एक छक्के (कुल 16 चौके और छक्के) की मदद से 111 रन बनाए।
शॉ के शतक की बदौलत महाराष्ट्र ने 217 रन बनाए
इस मैच में महाराष्ट्र की शुरुआत शानदार रही। पृथ्वी शॉ और सचिन दास ने पहले विकेट के लिए 71 रन जोड़े, जिसमें से शॉ ने 55 रन बनाए। अपनी अर्धशतकीय पारी के दौरान उन्होंने 9 चौके लगाए। पहला विकेट गिरने के बाद महाराष्ट्र की पारी लड़खड़ाती हुई दिख रही थी। लेकिन शॉ ने एक छोर से पारी को संभाला। महाराष्ट्र की टीम इस मैच की पहली पारी में 217 रनों पर ऑलआउट हो गई। इस मैच में शॉ को शुभम अग्रवाल ने स्टंप आउट किया।
शतकीय पारी खेलने के बाद पृथ्वी शॉ ने क्या कहा?
शतकीय पारी खेलने के बाद पृथ्वी शॉ ने अपने करियर को लेकर एक बड़ा बयान दिया है। पृथ्वी शॉ ने कहा कि मुझे दोबारा क्रिकेट शुरू करने में कोई दिक्कत नहीं है। क्योंकि मैंने अपनी ज़िंदगी में कई उतार-चढ़ाव देखे हैं। मैं बहुत आत्मविश्वासी इंसान हूँ, मुझे खुद पर, अपने काम करने के तरीके पर पूरा भरोसा है। मुझे उम्मीद है कि यह सीज़न मेरे और मेरी टीम के लिए वाकई अच्छा रहेगा।
मुझे किसी की सहानुभूति नहीं चाहिए – पृथ्वी शॉ
उन्होंने आगे कहा कि मैंने कुछ भी नहीं बदला है। मैं बस बेसिक्स पर गया हूँ, वही कर रहा हूँ जो मैं अपने अंडर-19 के दिनों से करता आ रहा हूँ, जिसकी बदौलत मैं भारतीय टीम तक पहुँचा। फिर से वही कर रहा हूँ। ज़्यादा अभ्यास कर रहा हूँ, जिम जा रहा हूँ, दौड़ रहा हूँ। ज़ाहिर है, ये छोटी-छोटी बातें हैं, कोई बड़ी बात नहीं है क्योंकि मैं ये सब तब से कर रहा हूँ जब मैं 12-13 साल का था। पृथ्वी शॉ ने इस दौरान यह भी कहा कि मुझे किसी की सहानुभूति नहीं चाहिए। कोई बात नहीं। मैंने ये पहले भी देखा है। मुझे अपने परिवार का पूरा समर्थन मिला था। और मेरे उन दोस्तों का भी, जो मेरे साथ तब थे जब मैं मानसिक रूप से ठीक नहीं था। अभी तो सब ठीक है।