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Priyadarshan Birthday: मोहनलाल की मदद से शुरू हुआ था प्रियदर्शन का करियर, जानिए लाइब्रेरियन का बेटा कैसे बना ‘कॉमेडी किंग’ ?

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मनोरंजन न्यूज़ डेस्क – क्या आपने ‘हेरा फेरी’, ‘हंगामा’, ‘हलचल’, ‘गरम मसाला’, ‘भागम भाग’, ‘चुप चुप के’, ‘दे दना दन’ और ‘भूल भुलैया’ फिल्में देखी हैं? ये सभी फिल्में आपको हंसाती हैं और गुदगुदाती हैं। इन फिल्मों के डायलॉग आज भी लोगों की जुबान पर हैं। इनके गाने आज भी पार्टियों या फंक्शन में बजाए जाते हैं। इन फिल्मों के किरदार हमारी जिंदगी का अहम हिस्सा बन चुके हैं, फिर चाहे वो ‘हेरा फेरी’ का राजू (अक्षय कुमार) हो या ‘भूल भुलैया’ की अवनि (विद्या बालन)। इन पर खूब मीम्स बनते हैं। आए दिन इनसे जुड़ी कोई न कोई चीज सोशल मीडिया पर वायरल होती रहती है। अगर हम ये कहें कि सिनेमा प्रेमियों के लिए ये फिल्में फिल्में नहीं बल्कि इमोशन हैं, तो गलत नहीं होगा। बहरहाल, ये कहानियां हमारे सामने निर्देशक प्रियदर्शन लेकर आए हैं। 90 के दशक में जब गोविंदा का बोलबाला था, तब कॉमेडी फिल्मों का बोलबाला था, लेकिन एक समय ऐसा भी आया जब हिंदी फिल्म इंडस्ट्री में कॉमेडी फिल्मों का क्रेज खत्म होने लगा। फिर प्रियदर्शन ने कमान संभाली और उन्होंने इस जॉनर को एक अलग ही मुकाम पर पहुंचा दिया। लोग कहते हैं कि इस जॉनर में उनके जैसा कोई नहीं है। आज उनका 66वां जन्मदिन है। आइए इस खास मौके पर उनकी दुनिया पर एक नजर डालते हैं। उनका जन्म कहां हुआ? उन्होंने क्या पढ़ाई की? उन्होंने कब लिखना शुरू किया? उन्हें फिल्मों में कैसे मौका मिला? उनके परिवार में कौन-कौन लोग हैं, आइए सब कुछ जानते हैं।

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प्रियदर्शन ने कॉलेज के दौरान ही लिखना शुरू कर दिया था

30 जनवरी 1957 को जन्मे प्रियदर्शन ने त्रिवेंद्रम के गवर्नमेंट मॉडल स्कूल से अपनी पढ़ाई पूरी की। उन्होंने दर्शनशास्त्र में मास्टर ऑफ आर्ट्स की डिग्री हासिल की। ​​उनके पिता कॉलेज लाइब्रेरियन थे। अपने पिता की वजह से ही प्रियदर्शन को किताबों में रुचि पैदा हुई। वह अपनी किशोरावस्था में बहुत पढ़ते थे और कॉलेज में पढ़ाई के दौरान ही उन्होंने ऑल इंडिया रेडियो के लिए छोटे-छोटे नाटक और स्किट लिखना शुरू कर दिया था।

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मोहनलाल की मदद से शुरू हुआ करियर

प्रियदर्शन निर्देशक पी वेणु की फिल्मों से प्रभावित थे। उस समय उनके दोस्तों में मोहनलाल, एमजी श्रीकुमार, सुरेश कुमार, सनल कुमार, जगदीश, मनियानपिला राजू और अशोक कुमार शामिल थे। यही वह समय था जब मोहनलाल ने फिल्मों में कदम रखा। फिल्मों में मौका तलाशने के लिए उनके दोस्त उनके पीछे चेन्नई चले गए। मोहनलाल की मदद से प्रियदर्शन को कुछ फिल्मों में सहायक पटकथा लेखक के तौर पर काम करने का मौका मिला और उन्होंने पटकथा लिखना शुरू किया, जिसमें कुछ सफलता भी मिली। आखिरकार उन्हें केरल वापस आना पड़ा।

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इंडस्ट्री को दिए 40 साल
प्रियदर्शन पिछले 40 सालों से भारतीय सिनेमा में निर्देशक और पटकथा लेखक के तौर पर काम कर रहे हैं। उन्होंने मुख्य रूप से 4 भारतीय भाषाओं मलयालम, तमिल, हिंदी और तेलुगु में 95 से ज्यादा फिल्मों का निर्देशन किया है। क्या आप जानते हैं कि प्रियदर्शन भारत के उन पहले निर्देशकों में से एक हैं जिन्होंने अपनी शुरुआती मलयालम फिल्मों के जरिए रिच कलर ग्रेडिंग, क्लियर साउंड और क्वालिटी डबिंग की शुरुआत की।

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बॉलीवुड से लिया ब्रेक
प्रियदर्शन ने 1980 के दशक की शुरुआत में मलयालम सिनेमा में अपना करियर शुरू किया और 1980 और 1990 के दशक में सक्रिय रहे। 2000 के दशक में, वह बॉलीवुड (हिंदी फिल्म उद्योग) में चले गए और पूरे दशक तक सक्रिय रहे। 2013 में, उन्होंने घोषणा की कि ‘रंगरेज़’ कुछ समय के लिए उनकी आखिरी हिंदी फिल्म होगी और उन्होंने मलयालम सिनेमा पर ध्यान केंद्रित किया। उनकी बेहतरीन फिल्मों में ‘माझा पय्युन्नु मद्दलम कोट्टुन्नू’, ‘थलवट्टम’, ‘वेल्लनकालुडे नाडु’, ‘चित्रम’, ‘वंदनम’, ‘किलुक्कम’, ‘अभिमन्यु’, ‘मिथुनम’, ‘थेनमाविन कोम्बथ’, ‘काला पानी’ और ‘चंद्रलेखा’ शामिल हैं। बॉलीवुड की बात करें तो उन्होंने साल 2021 में ‘हंगामा 2’ से कमबैक किया, लेकिन यह फिल्म कुछ खास कमाल नहीं कर पाई। आपको बता दें कि प्रियदर्शन को पद्मश्री और तीन राष्ट्रीय पुरस्कारों से सम्मानित किया जा चुका है।

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शादी के 16 साल बाद टूटा रिश्ता
निजी जिंदगी की बात करें तो प्रियदर्शन ने 13 दिसंबर 1990 को एक्ट्रेस लिसी लक्ष्मी से शादी की थी। हालांकि, साल 2016 में उनका रिश्ता टूट गया और कपल का तलाक हो गया। उनके दो बच्चे कल्याणी और सिद्धार्थ हैं।

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