बॉलीवुड फिल्म निर्माता राम गोपाल वर्मा को चेक बाउंस मामले में बड़ा झटका लगा है। मुंबई की एक अदालत ने उनके खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया है। दरअसल, अदालत ने उनकी जमानत याचिका खारिज कर दी है और उनकी सजा पर रोक लगाने की याचिका भी खारिज कर दी है। इस सुनवाई के दौरान वर्मा अदालत में मौजूद नहीं थे, जिसके बाद अदालत ने यह कदम उठाया।
राम गोपाल वर्मा की याचिका खारिज
राम वर्मा के खिलाफ चेक बाउंस मामले में यह नया अपडेट सामने आया है। अदालत ने उनकी जमानत याचिका और सजा पर रोक लगाने की अपील खारिज कर दी। राम गोपाल वर्मा का प्रतिनिधित्व वकील दुरेन्द्र के.एच. शर्मा ने अदालत में यह आवेदन दिया था। वकील ने दो अलग-अलग आवेदन दायर किए थे, एक जमानत के लिए और दूसरा सजा पर रोक लगाने के लिए। लेकिन वर्मा की अनुपस्थिति के कारण अदालत ने इन दोनों याचिकाओं को खारिज कर दिया।
राम गोपाल वर्मा मामले में क्या है अपडेट?
अदालत ने वर्मा के खिलाफ पहले के अदालती फैसले पर पुनर्विचार किया, जिसमें वर्मा को चेक बाउंस के आरोप में दोषी ठहराया गया था। इस मामले में अदालत ने उन्हें तीन महीने के भीतर शिकायतकर्ता को 3.72 लाख रुपये का मुआवजा देने का आदेश दिया था। यदि वर्मा मुआवज़ा देने में विफल रहते हैं तो उन्हें तीन महीने की अतिरिक्त जेल की सज़ा हो सकती है। अदालत ने यह भी स्पष्ट किया कि जब तक वर्मा अपनी सजा पूरी नहीं कर लेते, उन्हें इस मामले में कोई राहत नहीं मिल सकती। पिछली सुनवाई में कोर्ट ने कहा था कि राम गोपाल वर्मा को व्यक्तिगत रूप से कोर्ट में पेश होकर अपनी याचिका दाखिल करनी होगी। इस मामले में वर्मा के वकील ने अदालत से उन्हें जमानत देने और सजा पर रोक लगाने का अनुरोध किया था।
पूरा मामला क्या है?
चेक बाउंस मामले में राम गोपाल वर्मा पर एक चेक जारी करने का आरोप है, जो खाते में अपर्याप्त धनराशि के कारण बाउंस हो गया। यह मामला 2018 में शुरू हुआ, जब एक संगठन ‘श्री’ ने वर्मा के खिलाफ यह मामला दर्ज कराया। कोर्ट ने उन्हें 2022 में जमानत दे दी थी, लेकिन इस बार वर्मा के अनुपस्थित रहने और याचिका खारिज होने से उनकी मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही हैं।
इस मामले में अदालत ने वर्मा के खिलाफ फैसला सुनाया था और कहा था कि वह किसी भी तरह की छूट के हकदार नहीं होंगे, क्योंकि उन्होंने मुकदमे के दौरान कोई समय जेल में नहीं बिताया। अदालत ने मामले की अगली सुनवाई की तारीख 28 जुलाई तय की है और इस दौरान गिरफ्तारी वारंट के निष्पादन पर रिपोर्ट भी पेश की जाएगी।