अगर आप क्रेडिट कार्ड इस्तेमाल करते हैं, EMI देते हैं, या नया लोन लेने के बारे में सोच रहे हैं, तो RBI का नया कदम गेम-चेंजर साबित हो सकता है। रिज़र्व बैंक ऑफ़ इंडिया देश के क्रेडिट स्ट्रक्चर को मज़बूत करने और ज़्यादा ट्रांसपेरेंट बनाने की दिशा में एक बड़ा बदलाव कर रहा है। आपका क्रेडिट स्कोर अब महीने में सिर्फ़ एक बार नहीं, बल्कि हर सात दिन में अपडेट होगा। इस कदम से उन लाखों लोगों को राहत मिलेगी जिनके लोन इसलिए अटके हुए थे क्योंकि बैंक लेटेस्ट क्रेडिट स्कोर अपडेट का इंतज़ार कर रहे थे। अब, जैसे ही आप EMI देंगे, क्रेडिट कार्ड पेमेंट क्लियर करेंगे, या नया लोन लेंगे, उसी हफ़्ते आपकी रिपोर्ट में रिकॉर्ड जुड़ जाएगा।
RBI के नए प्रपोज़ल में क्या बदला है?
अब तक, बैंकों और दूसरे फ़ाइनेंशियल इंस्टीट्यूशन को CIBIL, Equifax, Experian, और CRIF Highmark जैसे क्रेडिट ब्यूरो को महीने में एक बार या हर दो हफ़्ते में डेटा सबमिट करना ज़रूरी था। हालाँकि, नई ड्राफ़्ट गाइडलाइंस के तहत, यह रिपोर्टिंग अब हर हफ़्ते ज़रूरी होगी। बैंक हर महीने की 7, 14, 21, 28 और आखिरी तारीख को ब्यूरो को डेटा भेजेंगे। इससे आपकी फाइनेंशियल एक्टिविटीज़, जैसे EMI पेमेंट, क्रेडिट कार्ड बिल, नए अकाउंट, बकाया बैलेंस या अकाउंट बंद होने के लेटेस्ट अपडेट तुरंत रिकॉर्ड हो जाएंगे। इसके अलावा, हर अपडेट के साथ सिर्फ़ वही डेटा भेजा जाएगा जिसमें बदलाव हुआ है, जिससे प्रोसेस तेज़ और आसान हो जाएगा।
कस्टमर्स को क्या फ़ायदा होगा?
स्कोर तेज़ी से सुधरेगा: EMI या बिल पेमेंट के बाद दो से तीन हफ़्ते इंतज़ार करने की ज़रूरत नहीं है।
लोन तेज़ी से अप्रूव होंगे: बैंक आपकी अपडेटेड प्रोफ़ाइल देखेंगे, जिससे अप्रूवल प्रोसेस तेज़ हो जाएगा।
गलतियों की संभावना कम हो जाएगी: डेटा लगातार अपडेट होता रहेगा, जिससे पुरानी गलतियों को ठीक करना आसान हो जाएगा।
क्रेडिट हेल्थ बेहतर होगी: समय पर पेमेंट का असर तुरंत दिखेगा।
बैंकों और फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशन्स को बड़े फ़ायदे:
बैंकों के पास अब ज़्यादा सही और अप-टू-डेट कस्टमर डेटा का एक्सेस होगा। इससे डिफ़ॉल्ट का रिस्क कम होगा, क्रेडिट अप्रेज़ल मज़बूत होगा, फ्रॉड का पता लगाना आसान होगा, और लोन देने का प्रोसेस तेज़ होगा।
क्रेडिट स्कोर क्या है?
यह 300 और 900 के बीच का तीन डिजिट का नंबर होता है जो बताता है कि आप कितने ज़िम्मेदार बॉरोअर हैं। स्कोर जितना बेहतर होगा, आपको लोन मिलने के चांस उतने ही ज़्यादा होंगे।








