आईपीएल 2025 का खिताब जीतने के बाद जब रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर की टीम 4 जून को बैंगलोर पहुंची तो विजय परेड के दौरान मची भगदड़ में 11 लोगों की जान चली गई और 33 लोग घायल हो गए। इस मामले में केंद्रीय प्रशासनिक न्यायाधिकरण ने जांच करते हुए सीधे तौर पर आरसीबी फ्रेंचाइजी को दोषी ठहराया। अब इस मामले में आरसीबी ने कर्नाटक हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है, जिसमें उन्होंने इस फैसले के खिलाफ याचिका दायर की है।
आरसीबी का पक्ष सुने बिना दिया गया यह फैसला
कर्नाटक हाईकोर्ट में बार एंड बेंच की रिपोर्ट के मुताबिक, आरसीबी फ्रेंचाइजी के वकील रघुराम कदंबी द्वारा आरसीबी का हवाला देते हुए दायर याचिका में कहा गया है कि हालांकि आरसीबी उसके समक्ष पक्षकार नहीं है, लेकिन माननीय केंद्रीय प्रशासनिक न्यायाधिकरण ने 4 जून को हुई दुर्भाग्यपूर्ण घटना के लिए प्रथम दृष्टया आरसीबी को जिम्मेदार ठहराया है। आरसीबी के खिलाफ कैट के आदेश में निष्कर्ष प्राकृतिक न्याय के सिद्धांतों के खिलाफ है, क्योंकि आरसीबी कार्यवाही में पक्षकार नहीं थी। माननीय केंद्रीय प्रशासनिक न्यायाधिकरण ने कार्यवाही में आरसीबी को सुनवाई का मौका दिए बिना ही अपना फैसला सुना दिया।
आपको बता दें कि कैट ने अपने आदेश में कहा था कि कैट को प्रथम दृष्टया ऐसा लगता है कि करीब तीन से पांच लाख लोगों के जमावड़े के लिए आरसीबी जिम्मेदार है। आरसीबी ने पुलिस से उचित अनुमति या सहमति नहीं ली थी।
9 जुलाई को होगी सुनवाई
कर्नाटक हाईकोर्ट में आरसीबी की ओर से दायर इस याचिका पर 9 जुलाई को सुनवाई होगी। आपको बता दें कि 4 जून को जब यह घटना हुई थी तो इसे लेकर कर्नाटक में काफी गुस्सा था। वहीं इस मामले में आरसीबी टीम के मार्केटिंग हेड निखिल सोसले को गिरफ्तार किया गया था जो फिलहाल जमानत पर बाहर हैं। वहीं कर्नाटक पुलिस ने कई अधिकारियों को सस्पेंड भी किया था। इस मामले के बाद से आरसीबी ने अभी तक सोशल मीडिया पर एक भी पोस्ट नहीं किया है।