बिज़नस न्यूज़ डेस्क,भारत के सबसे बड़े पब्लिक सेक्टर बैंक ‘स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI)’ की अमृत वृष्टि फिक्स्ड डिपॉजिट सिर्फ मार्च के महीने तक ही खुली है. इस स्कीम में बैंक की रेगुलर FD Scheme की तुलना में ज्यादा ब्याज दर ऑफर किया जा रहा है. यह लिमिटेड पीरियड स्कीम 16 जुलाई, 2024 को शुरू की गई थी, जो 31 मार्च, 2025 तक निवेश के लिए उपलब्ध है.
अमृत वृष्टि स्कीम्स बनाम रेगुलर FD
मौजूदा समय में, सामान्य ग्राहकों के लिए एसबीआई की नियमित FD स्कीम्स के रेट्स टेन्योर के आधार पर 3.50 फीसदी से 6.50% प्रति साल के बीच हैं. इस दौरान सीनियर सिटीजन को एक्स्ट्रा 0.50% ब्याज मिलता है, जो बढ़कर 7.50% प्रति साल हो जाता है. जबकि अमृत वृष्टि फिक्स्ड डिपॉजिट स्कीम सामान्य ग्राहकों को 7.25% प्रति साल और सीनियर सिटिजंस को 7.75% प्रति साल रेट ऑफर करती है.उदाहरण के लिए इस योजना के तहत 444 दिनों (लगभग 1.2 साल) के लिए 1 लाख रुपए का निवेश करने पर, फाइनल अमाउंट 1,09 लाख रुपए हो जाता है, जिसमें 9,133.54 रुपए का ब्याज शामिल है. इसके अलावा सीनियर सिटिजंस के लिए अमाउंट 1,09,787.04 रुपए हो जाता है, जिसमें 9,787.04 रुपए का ब्याज शामिल है.
इसलिए यह योजना उन लोगों के लिए एक अच्छा ऑप्शन है, जो स्टैंडर्ड FDs से ज्यादा रिटर्न चाहते हैं.
अमृत वृष्टि स्कीम्स की प्रमुख बातें –
इसके कम से कम 1000 रुपए का डिपॉजिट् करना होगा. हालांकि, निवेश की कोई ऊपरी लिमिट नहीं है.
इसमें घरेलू और NRI दोनों ग्राहक निवेश कर सकते है, बशर्ते रिटेल डिपॉजिट 3 करोड़ रुपए से कम हो.
इन्वेस्टमेंट पीरियड के दौरान हर महीने, 3 महीने या 6 में ब्याज का भुगतान किया जाएगा.
लोन फैसिलिटी
इस स्कीम के अंतर्गत ग्राहक बिना FD ब्रेक किए डिपॉजिट पर लोन प्राप्त कर सकते हैं.
स्कीम में कैसे इन्वेस्ट कैसे करें?
SBI शाखाएं.
मोबाइल बैंकिंग ऐप (YONO SBI और योनो लाइट).
एसबीआई इंटरनेट बैंकिंग.
क्या आपको स्कीम में निवेश करना चाहिए?
अमृत वृष्टि स्कीम एसबीआई की रेगुलर एफडी की तुलना में ज्यादा रिटर्न प्रदान करती है, जिससे यह उन लोगों के लिए अच्छा ऑप्शन है, जो कम समय में ज्यादा बचत करना चाहते हैं. इस दौरान सीनियर सिटिजंस को 7.75% ब्याज दर के साथ ज्यादा फायदा मिल सकता है.
टैक्स का नियम
इस स्कीम के तहत फिक्स्ड डिपॉजिट पर अर्जित ब्याज डिपॉजिटर की इनकम टैक्स स्लैब के आधार पर सोर्स पर टैक्स कटौती (TDS) के अधीन है.भारत के सबसे बड़े पब्लिक सेक्टर बैंक ‘स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI)’ की अमृत वृष्टि फिक्स्ड डिपॉजिट (Amrit Vrishti Fixed Deposit Scheme) सिर्फ मार्च के महीने तक ही खुली है. इस स्कीम में बैंक की रेगुलर FD Scheme की तुलना में ज्यादा ब्याज दर ऑफर किया जा रहा है. यह लिमिटेड पीरियड स्कीम 16 जुलाई, 2024 को शुरू की गई थी, जो 31 मार्च, 2025 तक निवेश के लिए उपलब्ध है.
अमृत वृष्टि स्कीम्स बनाम रेगुलर FD
मौजूदा समय में, सामान्य ग्राहकों के लिए एसबीआई की नियमित FD स्कीम्स के रेट्स टेन्योर के आधार पर 3.50 फीसदी से 6.50% प्रति साल के बीच हैं. इस दौरान सीनियर सिटीजन को एक्स्ट्रा 0.50% ब्याज मिलता है, जो बढ़कर 7.50% प्रति साल हो जाता है. जबकि अमृत वृष्टि फिक्स्ड डिपॉजिट स्कीम (Amrit Vrishti Fixed Deposit Interest Rate) सामान्य ग्राहकों को 7.25% प्रति साल और सीनियर सिटिजंस को 7.75% प्रति साल रेट ऑफर करती है.उदाहरण के लिए इस योजना के तहत 444 दिनों (लगभग 1.2 साल) के लिए 1 लाख रुपए का निवेश करने पर, फाइनल अमाउंट 1,09 लाख रुपए हो जाता है, जिसमें 9,133.54 रुपए का ब्याज शामिल है. इसके अलावा सीनियर सिटिजंस के लिए अमाउंट 1,09,787.04 रुपए हो जाता है, जिसमें 9,787.04 रुपए का ब्याज शामिल है.
इसलिए यह योजना उन लोगों के लिए एक अच्छा ऑप्शन है, जो स्टैंडर्ड FDs से ज्यादा रिटर्न चाहते हैं.
अमृत वृष्टि स्कीम्स की प्रमुख बातें –
इसके कम से कम 1000 रुपए का डिपॉजिट् करना होगा. हालांकि, निवेश की कोई ऊपरी लिमिट नहीं है.
इसमें घरेलू और NRI दोनों ग्राहक निवेश कर सकते है, बशर्ते रिटेल डिपॉजिट 3 करोड़ रुपए से कम हो.
इन्वेस्टमेंट पीरियड के दौरान हर महीने, 3 महीने या 6 में ब्याज का भुगतान किया जाएगा.
लोन फैसिलिटी
इस स्कीम के अंतर्गत ग्राहक बिना FD ब्रेक किए डिपॉजिट पर लोन प्राप्त कर सकते हैं.
स्कीम में कैसे इन्वेस्ट कैसे करें?
SBI शाखाएं.
मोबाइल बैंकिंग ऐप (YONO SBI और योनो लाइट).
एसबीआई इंटरनेट बैंकिंग.
क्या आपको स्कीम में निवेश करना चाहिए?
अमृत वृष्टि स्कीम एसबीआई की रेगुलर एफडी की तुलना में ज्यादा रिटर्न प्रदान करती है, जिससे यह उन लोगों के लिए अच्छा ऑप्शन है, जो कम समय में ज्यादा बचत करना चाहते हैं. इस दौरान सीनियर सिटिजंस को 7.75% ब्याज दर के साथ ज्यादा फायदा मिल सकता है.
टैक्स का नियम
इस स्कीम के तहत फिक्स्ड डिपॉजिट पर अर्जित ब्याज डिपॉजिटर की इनकम टैक्स स्लैब के आधार पर सोर्स पर टैक्स कटौती (TDS) के अधीन है.