भारत के स्टार तेज गेंदबाज मोहम्मद शमी और उनकी पत्नी हसीन जहां इन दिनों चर्चा में हैं। दरअसल, कलकत्ता हाईकोर्ट ने मंगलवार को भारतीय तेज गेंदबाज मोहम्मद शमी को उनके साथ चल रही कानूनी लड़ाई के दौरान उनकी पत्नी हसीन जहां और बेटी को 4 लाख रुपये प्रति माह गुजारा भत्ता देने का निर्देश दिया। इसके बाद हसीन जहां ने पहली बार सोशल मीडिया पर कुछ पोस्ट किया। उन्होंने इंस्टाग्राम पर एक तस्वीर शेयर की और उसके कैप्शन में एक लंबा नोट लिखा और अपने वकील की तारीफ की। हसीन ने जो तस्वीर पोस्ट की है, उस पर उर्दू और हिंदी में लिखा है।
हसीन जहां ने लिखा, ‘इज्जत और बेइज्जती सिर्फ अल्लाह देता है।’ हसीन ने अपने कैप्शन में लिखा, ‘2018 से 2025 तक का यह सफर काफी दर्दनाक रहा है। लेकिन सौभाग्य से जब मेरी मुलाकात कलकत्ता हाईकोर्ट के वकील इम्तियाज अहमद से हुई तो मेरी सारी दुआएं कबूल हो गईं। एक अच्छे वकील होने के साथ-साथ वह एक अच्छे इंसान भी हैं, जिनका दिल शेर जितना बड़ा है। शुरू में मैंने उनसे मोहम्मद शमी द्वारा उकसाए गए किसी व्यक्ति द्वारा शुरू किए गए मामले पर चर्चा की, जो मेरे और मेरी बेटियों के खिलाफ 17.05.2021 को धारा 341/323/307/406/34/504/120बी के तहत सूरी पुलिस स्टेशन में दर्ज एक एफआईआर थी।’
हसीन जहां ने लिखा, ‘यह एक महत्वपूर्ण क्षण था, जब इम्तियाज भाई ने मेरा मामला उठाया और धारा 482 सीआरपीसी के तहत एक आवेदन में माननीय न्यायालय के समक्ष बहस की और कार्यवाही को रद्द करने की मांग की। 8 अक्टूबर 2024 के आदेश और फैसले से, माननीय न्यायालय ने पूरी कार्यवाही को रद्द कर दिया। हमारे खिलाफ लगाए गए आरोप पूरी तरह से झूठे और मनगढ़ंत थे। मुझे विश्वास हो गया और एहसास हुआ कि अल्लाह ने मेरे मामलों में मेरा बचाव करने के लिए सही व्यक्ति, इम्तियाज अहमद को चुना है। मैं मामले की शुरुआत में इम्तियाज भाई से मिली और मुझे लगा कि वह बहुत मेहनती और अपने पेशे के प्रति समर्पित हैं।’
हसीन जहां ने लिखा, ‘अलहमदुलिल्लाह, जैसे-जैसे दिन बीतते गए, मुझे एहसास हुआ कि इम्तियाज भाई सुनहरे दिल वाले फरिश्ते हैं। उन्होंने भरण-पोषण और भत्ते के लिए मेरा केस स्वीकार किया और माननीय अदालत में बहस की और अब मुझे हाईकोर्ट का समर्थन और इम्तियाज भाई का आशीर्वाद प्राप्त है। इम्तियाज भाई का शुक्रिया अदा करने के लिए मेरे पास शब्द नहीं हैं, लेकिन मैं उनके अच्छे स्वास्थ्य और प्रसिद्धि के लिए ईश्वर से प्रार्थना करूंगी। सत्यमेव जयते।’
मंगलवार को भी हसीन जहां का बयान आया। उन्होंने समाचार एजेंसी एएनआई से कहा कि वह शादी से पहले मॉडलिंग कर रही थीं, लेकिन शमी ने उन्हें हाउसवाइफ बनकर रहने को कहा। समाचार एजेंसी एएनआई से बात करते हुए हसीन जहां ने कहा- ‘मैं शादी से पहले मॉडलिंग और एक्टिंग कर रही थी। शमी ने मुझे अपना पेशा छोड़ने के लिए मजबूर किया। वह चाहते थे कि मैं एक हाउसवाइफ की ही जिंदगी जिऊं। मैं शमी से इतना प्यार करती थी कि मैंने खुशी-खुशी यह स्वीकार कर लिया… लेकिन अब मेरी खुद की कोई आमदनी नहीं है। शमी को हमारे भरण-पोषण की सारी जिम्मेदारी उठानी होगी। इसीलिए जब उन्होंने इनकार कर दिया, तो हमें अदालत का दरवाजा खटखटाना पड़ा। भगवान का शुक्र है कि हमारे देश में ऐसा कानून है जो लोगों को अपनी जिम्मेदारियां निभाने का आदेश देता है… अगर आप किसी के साथ रिलेशनशिप में हैं तो उसके चेहरे पर यह नहीं लिखा होता कि उसका चरित्र खराब है, वह अपराधी है या वह आपके और आपकी बेटी के भविष्य से समझौता करेगा… मैं भी ऐसी ही शिकार हुई… भगवान ने बड़े से बड़े अपराधियों को माफ कर दिया है।’
इस बीच हसीन जहां ने शमी पर उनकी जिंदगी बर्बाद करने का आरोप लगाया। उन्होंने आगे कहा- ‘वह (शमी) अपनी बेटी की सुरक्षा, भविष्य और खुशी नहीं देख सकते। उन्हें हसीन जहां की जिंदगी बर्बाद करने की जिद भी छोड़ देनी चाहिए। वह मुझे बर्बाद नहीं कर सकते क्योंकि मैं न्याय के रास्ते पर हूं जबकि वह अन्याय के रास्ते पर हैं।’ जस्टिस अजय कुमार मुखर्जी की सिंगल बेंच ने गुजारा भत्ता देने का आदेश दिया। जस्टिस मुखर्जी ने अपने आदेश में कहा कि विरोधी पक्ष/पति (मोहम्मद शमी) की आय, वित्तीय दस्तावेजों और आय प्रमाण पत्र से साफ है कि वह ज्यादा भुगतान करने की स्थिति में हैं।
कोर्ट के फैसले पर वकील इम्तियाज ने क्या कहा?
कलकत्ता हाईकोर्ट के इस आदेश पर हसीन जहां के वकील इम्तियाज अहमद ने बयान दिया है. उन्होंने कहा- ‘यह हसीन जहां के लिए सबसे बेहतरीन पल था. 2018 से 2024 तक वह दर-दर भटकती रहीं… आखिरकार कल खुली अदालत में फैसला हुआ कि हसीन जहां को 1.5 लाख रुपये दिए जाएंगे.’और बेटी को 2.5 लाख रुपये (दोनों महीने के हिसाब से) दिए जाएंगे और जब भी बेटी को सहारे की जरूरत होगी, मोहम्मद शमी उसे सहारा देंगे. हाईकोर्ट ने ट्रायल कोर्ट को अंतरिम आदेश के लिए मुख्य आवेदन का छह महीने के भीतर निपटारा करने का निर्देश दिया है. संभावना है कि जब वे भरण-पोषण पर सुनवाई पूरी करने के लिए ट्रायल कोर्ट लौटेंगे, तो इसे बढ़ाकर 6 लाख रुपये कर दिया जाएगा क्योंकि हसीन जहां ने अपने भरण-पोषण आवेदन में 7 लाख रुपये और 3 लाख रुपये का दावा किया था.’
शमी अपनी पत्नी को 1.5 लाख रुपये और बेटी को 2.5 लाख रुपये हर महीने देंगे. हाई कोर्ट के जस्टिस अजय कुमार मुखर्जी ने आदेश में कहा, “मेरे विचार से, याचिकाकर्ता नंबर एक (हसीन जहां) को 1,50,000 रुपये प्रति माह और उनकी बेटी को 2,50,000 रुपये की राशि मामले के सुलझने तक दोनों याचिकाकर्ताओं के लिए वित्तीय स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए उचित होगी।” आदेश में कहा गया, “हालांकि, याचिकाकर्ता के बच्चे के संबंध में, पति/विपरीत पक्ष (शमी) हमेशा उपरोक्त राशि के अलावा उसकी शिक्षा और/या अन्य उचित खर्चों का भुगतान करने में स्वेच्छा से मदद करने के लिए स्वतंत्र होंगे।” और बेटी को 2.5 लाख रुपये (दोनों मासिक आधार पर) दिए जाएंगे और जब भी बेटी को सहायता की आवश्यकता होगी,