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Surname Change Process: शादी के बाद कैसे चेंज होता है लड़कियों का सरनेम, यहां देखें पूरा प्रोसेस

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भारत में शादी का मौसम शुरू हो चुका है। हर दिन हजारों शादियां हो रही हैं और इसी के साथ कई दुल्हनों के जीवन में नए बदलाव आ रहे हैं। शादी के बाद सबसे आम बदलावों में से एक है सरनेम बदलना। परंपरागत रूप से भारत में शादी के बाद लड़कियां अपने पति का सरनेम अपना लेती हैं। हालांकि कानूनी तौर पर यह बदलाव तभी माना जाता है जब औपचारिक प्रक्रिया पूरी की जाए।

तो अगर आप भी शादी के बाद अपना सरनेम बदलने की सोच रही हैं, तो इस लेख में हम आपको बताएंगे कि इसकी क्या प्रक्रिया है, किन दस्तावेजों की जरूरत होगी और किस तरह से आप अपना नाम बदलवा सकती हैं।

शादी के बाद सरनेम बदलना अनिवार्य नहीं है

सबसे पहले आपको जानना जरूरी है कि भारत में शादी के बाद सरनेम बदलना अनिवार्य नहीं है। यह पूरी तरह आपकी व्यक्तिगत पसंद पर निर्भर करता है। यदि आप चाहती हैं कि आपके सभी आधिकारिक दस्तावेजों में आपके पति का सरनेम जुड़ जाए, तो आपको कानूनी प्रक्रिया से गुजरना होगा।

सरनेम बदलने की प्रक्रिया

शादी के बाद सरनेम बदलने के लिए आपको निम्नलिखित स्टेप्स फॉलो करने होंगे:

1. एफिडेविट बनवाना

सबसे पहले एक स्टाम्प पेपर पर एफिडेविट बनवाना होता है। एफिडेविट में निम्नलिखित जानकारियां शामिल करनी होंगी:

  • आपका पुराना नाम और नया नाम

  • शादी की तारीख और स्थान

  • पति का नाम और विवरण

  • नया अपनाया गया सरनेम

इस एफिडेविट पर नोटरी से सत्यापन कराना जरूरी है। एफिडेविट भविष्य में आपके नाम परिवर्तन के प्रमाण के रूप में काम करेगा।

2. मैरिज सर्टिफिकेट संलग्न करना

एफिडेविट के साथ आपको अपनी शादी का आधिकारिक प्रमाण पत्र यानी मैरिज सर्टिफिकेट भी लगाना होता है। यह दिखाता है कि शादी कानूनी रूप से संपन्न हुई है।

3. समाचार पत्र में प्रकाशन

एफिडेविट के बाद अगला कदम होता है अपने नाम परिवर्तन की सूचना एक अंग्रेजी अखबार और एक स्थानीय भाषा के अखबार में प्रकाशित करवाना। इस विज्ञापन में आपको अपना पुराना नाम, नया नाम और शादी के बाद सरनेम बदलने की जानकारी देनी होती है।

4. राजपत्र (Gazette) में नाम परिवर्तन दर्ज कराना

कई मामलों में महिलाओं को अपने सरनेम के परिवर्तन को सरकारी राजपत्र (Gazette of India) में प्रकाशित कराना भी पड़ता है, खासकर जब वे सरकारी नौकरी में हों या भविष्य में कानूनी प्रक्रिया में इसका प्रमाण देना हो। इसके लिए आपको आवेदन फॉर्म भरकर आवश्यक दस्तावेज और फीस के साथ राजपत्र कार्यालय में जमा करना होता है।

जरूरी दस्तावेज

सरनेम चेंज प्रक्रिया के दौरान आपको निम्नलिखित दस्तावेजों की आवश्यकता होगी:

  • आधार कार्ड

  • पैन कार्ड

  • बैंक पासबुक

  • वोटर आईडी कार्ड

  • राशन कार्ड

  • मैरिज सर्टिफिकेट

  • पासपोर्ट (यदि हो)

  • दो पासपोर्ट साइज फोटोग्राफ

  • एफिडेविट की कॉपी

  • समाचार पत्र में प्रकाशित विज्ञापन की कटिंग

इन दस्तावेजों के बिना प्रोसेस को पूरा करना संभव नहीं है। इसलिए पहले से सभी दस्तावेज तैयार रखना बेहतर रहेगा।

कितने समय में पूरा होता है प्रोसेस?

नाम और सरनेम बदलने की पूरी प्रक्रिया में आमतौर पर कुछ सप्ताह से लेकर कुछ महीने तक का समय लग सकता है। एफिडेविट बनवाने और अखबार में विज्ञापन प्रकाशित करने का काम जल्दी हो जाता है, लेकिन राजपत्र में पब्लिकेशन और विभिन्न दस्तावेजों में नाम अपडेट कराने में थोड़ा समय लग सकता है।

जैसे ही प्रक्रिया पूरी होती है, आपका नया सरनेम कानूनी रूप से मान्य हो जाता है। इसके बाद आप अपने बैंक अकाउंट, पैन कार्ड, पासपोर्ट, ड्राइविंग लाइसेंस आदि में भी नए नाम के साथ अपडेट करा सकती हैं।

निष्कर्ष

शादी के बाद सरनेम बदलना एक व्यक्तिगत निर्णय है। यदि आप यह करना चाहती हैं, तो सही प्रक्रिया अपनाकर आप आसानी से इसे पूरा कर सकती हैं। हालांकि, यह एक विधिवत कानूनी प्रक्रिया है और इसके लिए धैर्य और सही दस्तावेजों का होना जरूरी है।

यदि सभी स्टेप्स सावधानी से पूरे किए जाएं, तो कुछ ही समय में आपका नया नाम सभी आधिकारिक रिकॉर्ड्स में अपडेट हो जाएगा और आपको किसी भी तरह की परेशानी नहीं होगी।

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