टेक न्यूज़ डेस्क – टाटा समूह की कंपनी टाटा टेक्नोलॉजीज ने पुष्टि की है कि उस पर बड़ा रैनसमवेयर हमला हुआ है। इस हमले के कारण कंपनी की कुछ आईटी सेवाओं को निलंबित करना पड़ा था और अब उन्हें ठीक किया जा रहा है। कंपनी ने कहा है कि इस हमले को लेकर जांच की जा रही है और यह तय किया जाएगा कि ऐसी समस्या दोबारा न हो और असली वजह का पता लगाया जा सके। लाइवमिंट की रिपोर्ट में कहा गया है कि इस रैनसमवेयर हमले के कारण कंपनी की आईटी सेवाएं प्रभावित हुई हैं।
टाटा टेक्नोलॉजीज ने आधिकारिक बयान में कहा, “हमने सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए अपनी कुछ आईटी सेवाओं को निलंबित कर दिया था, जिन्हें अब बहाल कर दिया गया है। हमारी क्लाइंट डिलीवरी सेवा पूरी तरह से काम कर रही है और हमले का इस पर कोई असर नहीं पड़ा है।” कंपनी ने कहा है कि इस रैनसमवेयर हमले की तह तक जाने के लिए पूरे मामले की जांच की जा रही है।
बयान में कहा गया है, “पूरे मामले की विशेषज्ञों के साथ विस्तार से जांच की जा रही है ताकि हम कारण तक पहुंच सकें और जरूरी बदलाव कर सकें। हम गोपनीयता और डेटा सुरक्षा को लेकर सतर्क हैं और संभावित खतरों को देखते हुए बड़े कदम उठाए जा रहे हैं।” बता दें, टाटा टेक्नोलॉजी दरअसल टाटा समूह का ही हिस्सा है और इसका मुख्य फोकस ऑटोमोटिव इंडस्ट्री पर है। यह कंपनियों को अनुसंधान और विकास (आरएंडडी) में मदद करने के लिए कई तरह की तकनीकी सेवाएँ प्रदान करता है।
रैनसमवेयर अटैक क्या है?
रैनसमवेयर अटैक को एक तरह का कंप्यूटर वायरस या मैलवेयर माना जा सकता है, जिसका उद्देश्य डेटा या फ़ाइलों को चुराना या लॉक करना और बदले में पैसे की मांग करना होता है। ऐसे हमलों को अंजाम देने के बाद हैकर्स डेटा को अनलॉक करने या फ़ाइलों-नेटवर्क तक पहुँच देने के बदले में बड़ी रकम की माँग कर सकते हैं। साइबरपीस ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि पिछले साल 2024 में रैनसमवेयर अटैक के मामलों में 55 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।