बिज़नेस न्यूज़ डेस्क – मध्यम वर्ग पर सरकार मेहरबान नजर आ रही है। इससे पहले बजट में वित्त मंत्री ने 12 लाख रुपये तक की आय को कर मुक्त कर दिया था। इसके बाद पांच साल के इंतजार के बाद रिजर्व बैंक ने रेपो रेट घटाकर सस्ते कर्ज के लिए दरवाजे खोल दिए और अब एक और बड़ी घोषणा की तैयारी चल रही है। उम्मीद है कि सरकार कामकाजी लोगों के लिए भविष्य निधि (पीएफ) पर ब्याज दर बढ़ाने पर विचार कर सकती है।
बैठक 28 को होगी
कर्मचारी भविष्य निधि संगठन के जनरल बोर्ड ऑफ ट्रस्टीज की बैठक 28 फरवरी को होनी है और इसकी अध्यक्षता केंद्रीय श्रम मंत्री करेंगे। बैठक में ट्रेड यूनियनों और नियोक्ताओं के प्रतिनिधि भी हिस्सा लेंगे। माना जा रहा है कि इस बैठक में पीएफ पर ब्याज को लेकर कोई फैसला हो सकता है। हालांकि, बैठक के एजेंडे के बारे में अभी कोई आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है।
इसलिए बढ़ी उम्मीद
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, चालू वित्त वर्ष के लिए ब्याज दरों को अभी अंतिम रूप नहीं दिया गया है और बैठक में इस पर आम सहमति बनने की संभावना है। ईपीएफओ ने वित्त वर्ष 2023-24 के लिए पीएफ जमा पर ब्याज दर 8.25% तय की है, जो 2022-23 के 8.15% से अधिक है। ऐसे में, जो लोग अभी भी काम कर रहे हैं, उनके लिए ब्याज दर बढ़ोतरी के जरिए अतिरिक्त सहायता प्रदान करने की संभावना बढ़ गई है।
सुविधा के बाद सुविधा
सरकार इस समय अर्थव्यवस्था को सहारा देने के लिए खपत बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित कर रही है। इस उद्देश्य के लिए कुल बजट में 12 लाख रुपये का राजस्व कर महत्वाकांक्षा से रोक दिया गया है। सरकार का मानना है कि जब लोगों के पास पैसा बचता है, तो वे अधिक खर्च करते हैं, जिससे खपत बढ़ती है और अर्थव्यवस्था को मदद मिलती है। बजट में इस राहत के बाद, रिजर्व बैंक ने भी रेपो रेट घटाकर जनता को फायदा पहुंचाया। आरबीआई के इस कदम से लोन की लागत सस्ती होगी और ईएमआई का बोझ भी कुछ हद तक कम होगा।