नई दिल्ली, 8 अक्टूबर: दक्षिण अफ्रीका की स्टार ओपनर तज़मिन ब्रिट्स ने न्यूजीलैंड के खिलाफ सोमवार को खेले गए वर्ल्ड कप मैच में अपनी सातवीं वनडे सेंचुरी पूरी करते ही एक अनोखे अंदाज़ में जश्न मनाया। उन्होंने मैदान पर बैठकर एक काल्पनिक धनुष उठाया और तीर चलाने का इशारा किया — जिसे देखकर दर्शक हैरान भी हुए और रोमांचित भी। यह “बो एंड एरो” सेलिब्रेशन क्रिकेट मैदान में कम ही देखने को मिलता है, और यही वजह थी कि यह पल सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। ब्रिट्स ने 31वें ओवर की तीसरी गेंद पर एक आसान सिंगल लेकर अपना शतक पूरा किया। यह शतक उन्होंने सिर्फ 88 गेंदों में जड़ा। इसके बाद उनका बो एंड एरो सेलिब्रेशन कैमरे में कैद हो गया, जो अब उनके करियर का एक यादगार पल बन गया है।
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ब्रिट्स के सेलिब्रेशन की कहानी
तज़मिन ब्रिट्स पहले भी अपने सेलिब्रेशंस को खास मायने देती रही हैं। वह आधी सेंचुरी पूरी करने पर ‘बैलेरीना’ (नृत्य) की मुद्रा में सेलिब्रेशन करती हैं। दरअसल, यह जश्न उनके दिवंगत पिता की याद में होता है, जो महामारी के दौरान गुजर गए थे। उस सेलिब्रेशन के पीछे उनका भावनात्मक कारण है — वह अपने पिता को याद करते हुए खुद को उनकी “छोटी बच्ची” के रूप में दर्शाती हैं। लेकिन इस बार का “बो एंड एरो” जश्न एक नई कहानी लेकर आया। यह विचार दो युवा फैंस से आया था। मैच के बाद ब्रिट्स ने खुलासा किया कि यह सेलिब्रेशन दो 13 वर्षीय लड़कियों के लिए था — जिनमें से एक ऑस्ट्रेलिया में रहती है और दूसरी दक्षिण अफ्रीका में। दोनों ही मूल रूप से दक्षिण अफ्रीकी हैं और उन्होंने ब्रिट्स से अपने सेलिब्रेशन की नकल करने का अनुरोध किया था। ब्रिट्स ने बताया,
“हमारी विकेटकीपर सीनालो जाफ्टा ने हमसे पूछा कि अगला सेलिब्रेशन क्या होगा। तब मैंने फैंस से पूछा कि वे मुझे आइडिया दें, क्योंकि 50 वाला सेलिब्रेशन सिर्फ मेरे पापा के लिए रहेगा। तभी इन दो लड़कियों ने मुझे बो एंड एरो का आइडिया दिया। इसलिए यह सेलिब्रेशन उन्हीं के लिए था।”
रिकॉर्ड्स की झड़ी
इस शानदार पारी के बाद न केवल दक्षिण अफ्रीका ने न्यूजीलैंड को 6 विकेट से हराया, बल्कि ब्रिट्स को “प्लेयर ऑफ द मैच” का खिताब भी मिला। इस पारी से उन्होंने कई रिकॉर्ड अपने नाम किए। सबसे बड़ा रिकॉर्ड यह था कि वह दुनिया की सबसे तेज़ बल्लेबाज़ (इन्निंग्स के लिहाज़ से) बन गईं, जिन्होंने सात वनडे सेंचुरी पूरी की हैं। उन्होंने इस मामले में ऑस्ट्रेलिया की दिग्गज मेग लैन्निंग को पीछे छोड़ दिया। पोस्ट-मैच प्रेजेंटेशन के दौरान उन्होंने कहा,
“सच कहूं तो मैं रिकॉर्ड्स की परवाह नहीं करती, लेकिन जब नाम मेग लैन्निंग का आता है, तो यह खास हो जाता है। मुझे खुशी है कि मैं इस बार उनके ऊपर हूं। लेकिन असली खुशी तो टीम की जीत में है।”
तज़मिन ब्रिट्स की प्रेरणादायक यात्रा
अगर ब्रिट्स के करियर को देखा जाए तो उनका यह मुकाम बेहद प्रेरणादायक है। अपने शुरुआती 19 वनडे मैचों में वह कभी भी पचास रन का आंकड़ा पार नहीं कर पाईं थीं। तब उन्होंने केवल 360 रन बनाए थे, औसत करीब 18 का था। लेकिन उसके बाद उनका प्रदर्शन पूरी तरह बदल गया। पिछली 22 पारियों में उन्होंने 1000 से अधिक रन बनाए हैं और औसत करीब 58 रहा है। इस दौरान उन्होंने पांच में से चार पारियों में शतक लगाया — जो किसी भी बल्लेबाज़ के लिए असाधारण उपलब्धि है।
आत्मविश्वास और मेहनत की मिसाल
अपनी शानदार पारी के बाद ब्रिट्स ने कहा कि उनके प्रदर्शन में सुधार का कारण आत्मविश्वास और मेहनत है।
“मुझे नहीं पता अचानक क्या बदल गया, लेकिन अब मैं खुद पर ज्यादा भरोसा करती हूं। हमने कई बैटिंग कैंप किए, जिनसे काफी मदद मिली। मैं अब अपने खेल को थोड़ा और विविध बनाना चाहती हूं, सिर्फ एक स्टाइल पर निर्भर नहीं रहना चाहती।”
उन्होंने आगे कहा,
“मैंने खुद से कहा कि जितना पॉज़िटिव हो सकूं उतना रहूंगी। टीम को इस जीत की जरूरत थी। मैं बस हर बॉल को मिडल करने पर ध्यान दे रही थी। मज़े की बात है कि मैंने यह पारी एक नए बैट से खेली — इसे पहली बार इस्तेमाल किया। अब तो लगता है यही मेरा ‘लकी बैट’ होगा।”
सोशल मीडिया पर छाई ब्रिट्स की स्टाइल
ब्रिट्स का यह सेलिब्रेशन सोशल मीडिया पर छा गया है। फैंस ने उनकी इस जेश्चर को “क्रिकेट का नया सेलिब्रेशन ट्रेंड” कहा है। यूएफसी और फुटबॉल में तो ऐसे जश्न आम हैं, लेकिन क्रिकेट में यह दुर्लभ है। इसीलिए उनकी इस अनोखी स्टाइल ने दर्शकों का दिल जीत लिया। कई क्रिकेट विशेषज्ञों ने भी उनकी तारीफ की। खेल विश्लेषक मानते हैं कि ब्रिट्स का यह अंदाज़ न केवल खिलाड़ियों के उत्साह को बढ़ाता है, बल्कि क्रिकेट को और मनोरंजक बनाता है। एक विशेषज्ञ ने ट्वीट किया — “क्रिकेट को ऐसे ही उत्साही खिलाड़ियों की जरूरत है, जो खेल में जोश और भावना दोनों लाएं।”
भावना, मेहनत और खेल का संगम
तज़मिन ब्रिट्स की यह कहानी सिर्फ एक शतक या एक सेलिब्रेशन की नहीं है — यह उस जुनून और समर्पण की मिसाल है जो एक खिलाड़ी को महान बनाता है। चाहे पिता की याद में ‘बैलेरीना’ सेलिब्रेशन हो या दो युवा फैंस के लिए ‘बो एंड एरो’ — ब्रिट्स हर पल यह दिखाती हैं कि खेल सिर्फ रन या रिकॉर्ड का नाम नहीं, बल्कि भावनाओं और जुड़ाव की कहानी है। उनका यह सेलिब्रेशन आने वाले समय में शायद क्रिकेट जगत में एक नया ट्रेंड सेट करे — जहां खिलाड़ी मैदान पर न सिर्फ जीत का, बल्कि अपने दिल के रिश्तों और प्रेरणाओं का भी जश्न मनाएं।