भारतीय स्मार्टफोन बाजार में गिरावट देखी गई है। आईडीसी की रिपोर्ट के मुताबिक, 2025 की पहली तिमाही में भारतीय स्मार्टफोन शिपमेंट में गिरावट आई है। सभी कंपनियों ने इस तिमाही में 3.2 करोड़ यूनिट शिप की हैं। वर्ष-दर-वर्ष आधार पर यह गिरावट 5.5 प्रतिशत है। यह गिरावट की लगातार दूसरी तिमाही है। इस तिमाही में एप्पल ने वर्ष-दर-वर्ष उच्चतम वृद्धि दर्ज की। पिछले वर्ष की तुलना में कंपनी ने इस तिमाही में 23 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की है। इसके साथ ही यह ब्रांड टॉप 5 में शामिल हो गया है।
भारतीय स्मार्टफोन फोन बाजार में गिरावट
आईडीसी के मुताबिक 2025 की पहली तिमाही में स्मार्टफोन की मांग कमजोर रही है। साथ ही पिछली तिमाही में गिरावट के कारण काफी इन्वेंट्री बची हुई थी। इसके चलते कंपनियों को Q1 2025 में चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि इस साल के पहले दो महीनों में लॉन्च भी कम हुए हैं।
ब्रांडों का ध्यान खुदरा समर्थन, छूट और पुराने मॉडलों पर मूल्य में कमी करके स्टॉक को खाली करने पर रहा है। मार्च महीने से नये उत्पादों की लॉन्चिंग शुरू हो गयी है। पिछली तिमाही में भारतीय स्मार्टफोन बाजार में वीवो शीर्ष विक्रेता रहा है। कंपनी की बाजार हिस्सेदारी 19.7 प्रतिशत है, जो पिछले साल 16.2 प्रतिशत थी।
शियोमी-वनप्लस में सबसे बड़ी गिरावट
सैमसंग 16.4 प्रतिशत हिस्सेदारी के साथ दूसरे स्थान पर है। पिछले वर्ष की तुलना में कंपनी की बाजार हिस्सेदारी में 0.6 प्रतिशत की गिरावट आई है। इसके बाद ओप्पो, रियलमी और एप्पल का स्थान है, जो क्रमशः तीसरे, चौथे और पांचवें स्थान पर हैं। 2025 की पहली तिमाही में किसी भी चीज़ ने उच्चतम वृद्धि हासिल नहीं की है।
वर्ष-दर-वर्ष वृद्धि के संदर्भ में, इस तिमाही में एप्पल को सबसे अधिक लाभ हुआ है। इस तिमाही में ब्रांड ने लगभग 30 लाख यूनिट्स की शिपिंग की है। iPhone 16 सबसे ज्यादा शिप किया जाने वाला मॉडल है। पहली तिमाही में भारतीय स्मार्टफोन बाजार में औसत बिक्री मूल्य 274 डॉलर (लगभग 23,300 रुपये) तक पहुंच गया है।
इस तिमाही में श्याओमी की बाजार हिस्सेदारी पिछले साल की तुलना में 42 प्रतिशत गिरकर 7.8 प्रतिशत रह गई है। वहीं, वनप्लस के मार्केट शेयर में सबसे ज्यादा गिरावट आई है। कंपनी की बाजार हिस्सेदारी 5.1 प्रतिशत से घटकर 2.4 प्रतिशत हो गयी है।