13 अगस्त से YouTube में एक बड़ा बदलाव होने जा रहा है। Google के वीडियो स्ट्रीमिंग प्लेटफ़ॉर्म ने नई तैयारी की है। AI के ज़रिए यूज़र्स की उम्र का पता लगाया जा सकेगा। YouTube ने बच्चों, खासकर किशोरों को अकाउंट बनाने से रोकने के लिए यह नया टूल विकसित किया है। इस टूल के ज़रिए बच्चों की उम्र का अंदाज़ा लगाया जा सकेगा जिससे वे गलत उम्र डालकर एडल्ट कंटेंट नहीं देख पाएँगे। YouTube का यह नया सिस्टम कम उम्र के बच्चों द्वारा गलत उम्र बताने की ट्रिक को आसानी से पकड़ लेगा।
13 अगस्त को जारी होगा नया टूल
एक हालिया रिपोर्ट के अनुसार, YouTube 13 अगस्त को इस टूल को रोल आउट करने जा रहा है। इसे पहले बीटा वर्ज़न के लिए रोल आउट किया जाएगा, टेस्टिंग पूरी होने के बाद इसे पूरी तरह से रोल आउट कर दिया जाएगा। YouTube के इस फ़ीचर की फिलहाल अमेरिका में टेस्टिंग की जाएगी। इसके बाद इसे दूसरे देशों में रोल आउट किया जाएगा। कई देशों की सरकारों ने टेक कंपनियों से ऑनलाइन सुरक्षा नीतियों में सुधार करने को कहा है ताकि बच्चे इसका गलत इस्तेमाल न कर सकें। यूके, ऑस्ट्रेलिया और यूरोपीय देशों में भी इसे लेकर नियम बनाए गए हैं और टेक कंपनियों को नाबालिगों को अनावश्यक कंटेंट से दूर रखने को कहा गया है।
AI के ज़रिए उम्र का आकलन
रिपोर्ट के अनुसार, YouTube का यह AI सिस्टम बच्चों की उम्र का आकलन करेगा। यह यूज़र्स द्वारा सर्च की जाने वाली सामग्री पर ध्यान केंद्रित करेगा। यूज़र दिन भर में क्या सर्च करता है, उसके आधार पर उसकी उम्र का पता लगाने की कोशिश की जाएगी।
अगर YouTube का AI यह पता लगाता है कि यूज़र की उम्र 18 साल से कम है, तो उस अकाउंट पर कुछ प्रतिबंध लगा दिए जाएँगे ताकि वे एडल्ट कंटेंट न देख सकें। इसके अलावा, किशोरों के लिए टेक ब्रेक नोटिफिकेशन या अलर्ट सिस्टम भी लागू किया जाएगा, जो छोटे बच्चों को YouTube से ब्रेक लेने के लिए कहेगा ताकि उन्हें इसकी लत न लगे।