क्रिकेट न्यूज डेस्क।। दक्षिण अफ्रीका ने चोकर्स का टैग धो दिया है। विश्व टेस्ट चैंपियनशिप के खिताबी मुकाबले में दक्षिण अफ्रीका ने ऑस्ट्रेलिया जैसी मजबूत टीम को हराया। लॉर्ड्स के मैदान पर चौथी पारी में दक्षिण अफ्रीका को जीत के लिए 282 रनों का लक्ष्य मिला था। टीम ने इसे बिना किसी मुश्किल के हासिल कर लिया। टीम की कप्तानी टेम्बा बावुमा के हाथों में थी। डीन एल्गर के संन्यास के बाद उन्हें यह जिम्मेदारी मिली थी। उनकी कप्तानी में 10 टेस्ट के बाद भी दक्षिण अफ्रीका एक भी मैच नहीं हारा है। हालांकि इसके बाद भी टेम्बा बावुमा को दक्षिण अफ्रीका में वो सम्मान नहीं मिलेगा जो ग्रीम स्मिथ या एबी डिविलियर्स जैसे दिग्गज खिलाड़ियों को मिलता है। इनमें से किसी को भी आईसीसी ट्रॉफी नहीं मिली है।
टेम्बा का बल्ले से रिकॉर्ड खास नहीं
टेम्बा बावुमा का अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में बल्ले से कोई खास रिकॉर्ड नहीं है। अब तक उन्होंने 64 टेस्ट खेले हैं। 110 पारियों में वे सिर्फ 38 की औसत से रन बना पाए हैं। उनके नाम 3708 रन दर्ज हैं। इस दौरान उन्होंने सिर्फ 4 शतक लगाए हैं। दक्षिण अफ्रीका के लिए 100 या उससे ज्यादा टेस्ट पारी खेलने वाले प्रमुख बल्लेबाजों में टेम्बा ने सबसे कम शतक लगाए हैं। फाफ डु प्लेसिस ने 118 पारियों में 10 शतक और एशवेल प्रिंस ने 104 पारियों में 11 शतक लगाए हैं। डेरिल कलिनन ने 115 पारियों में 14 शतक लगाए हैं।
वनडे कप्तानी में भी कोई खास रिकॉर्ड नहीं
टेम्बा बावुमा की कप्तानी में दक्षिण अफ्रीका ने टेस्ट चैंपियनशिप जीती है, लेकिन वनडे में उनकी कप्तानी का रिकॉर्ड खास नहीं है। उन्होंने अब तक अपने करियर में सिर्फ 48 वनडे खेले हैं। इनमें से उन्होंने 42 में कप्तानी की है। इनमें से 22 में दक्षिण अफ्रीका ने जीत दर्ज की है और 19 में उसे हार का सामना करना पड़ा है। उनका जीत प्रतिशत 52.38 है। उनसे पहले फाफ डु प्लेसिस नियमित कप्तान थे। उनकी कप्तानी में टीम ने करीब 72 फीसदी मैच जीते। शॉन पोलक ने 92 और ग्रीम स्मिथ ने 149 मैचों में कप्तानी की और टीम ने 60 फीसदी से ज्यादा मैच जीते। हैंसी क्रोनिए की कप्तानी में साउथ अफ्रीका ने 138 वनडे मैचों में से 99 जीते।
क्रिकेट करियर अंतिम चरण में
टेम्बा बावुमा 35 साल से ज्यादा के हो चुके हैं। उनका करियर अंतिम चरण में है। यह जीत भले ही खास हो लेकिन उनका निजी रिकॉर्ड ऐसा नहीं है जिससे उन्हें दिग्गजों की श्रेणी में जगह मिल सके। टेम्बा अश्वेत क्रिकेटर हैं। साउथ अफ्रीकी टीम में अश्वेत क्रिकेटरों के लिए कोटा है। कई बार कहा जा चुका है कि कोटा सिस्टम की वजह से ही टेम्बा को टीम में जगह मिल पाई। ट्रॉफी जीतकर उन्होंने आलोचकों का मुंह बंद कर दिया है लेकिन खराब प्रदर्शन के बाद फिर सवाल उठेंगे।
2023-25 चक्र में भी कमजोर टीमें मिलीं
दक्षिण अफ्रीका ने भले ही टेस्ट चैंपियनशिप का खिताब जीत लिया हो लेकिन सच यह है कि टीम को पिछले चक्र में बड़ी चुनौती नहीं मिली थी। घरेलू मैदान पर उसका सामना तीन एशियाई टीमों- भारत, पाकिस्तान और श्रीलंका से हुआ। वे पारंपरिक रूप से तेज गेंदबाजी के खिलाफ संघर्ष करते हैं। घरेलू मैदान पर दक्षिण अफ्रीका ने न्यूजीलैंड, बांग्लादेश और वेस्टइंडीज के खिलाफ मैच खेले। ये चुनौतियां कठिन नहीं थीं। अगले चक्र में टीम को घरेलू मैदान पर ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड के खिलाफ खेलना है। साथ ही उसे भारत, पाकिस्तान और श्रीलंका का दौरा करना है, जहां की पिचें और परिस्थितियां दक्षिण अफ्रीकी क्रिकेट के अनुकूल नहीं हैं।