क्रिकेट न्यूज डेस्क।। भारतीय क्रिकेट प्रशंसकों के बीच सर कहे जाने वाले रवींद्र जडेजा भारतीय क्रिकेट टीम के एक ऐसे खिलाड़ी हैं जिनके ऑलराउंड कौशल का हर कोई दीवाना है। जडेजा ने क्रिकेट के तीनों प्रारूपों में भारत के लिए कई रिकॉर्ड बनाए हैं। वह बल्लेबाजों को गेंद पर नचाने, तूफानी अर्धशतक लगाने और शतक के बाद राजपूताना अंदाज में बल्ले को तलवार की तरह घुमाने के लिए मशहूर हैं। हालांकि, वन-मैन आर्मी यानी जड्डू कभी-कभी अपनी किस्मत से हार जाते हैं। खासकर इंग्लैंड में। अब लॉर्ड्स टेस्ट की बात ही ले लीजिए। भारत की हार के अलावा, प्रशंसकों को सबसे ज़्यादा दुख जडेजा का है। भले ही टीम इंडिया को इंग्लैंड के खिलाफ खेली जा रही टेस्ट सीरीज़ के तीसरे मैच में हार का सामना करना पड़ा, लेकिन जडेजा ने सबका दिल जीत लिया।
रवींद्र जडेजा की हर कोशिश नाकाम
रवींद्र जडेजा ने इंग्लैंड के खिलाफ तीसरे टेस्ट मैच में 181 गेंदों में 61 रनों की पारी खेली। इस मैच में टीम इंडिया को जीत के लिए 193 रनों का लक्ष्य दिया गया था, लेकिन जडेजा के अलावा कोई और भारतीय खिलाड़ी कुछ खास नहीं कर सका और टीम इंडिया यह मैच सिर्फ़ 22 रनों से हार गई। जब रवींद्र जडेजा आखिरी विकेट के लिए मोहम्मद सिराज के साथ साझेदारी कर रहे थे, तो ऐसा लग रहा था कि टीम इंडिया यह मैच जीत जाएगी, लेकिन जैसे ही मोहम्मद सिराज आउट हुए, सभी भारतीय प्रशंसकों का दिल टूट गया। खासकर, जिस तरह से सिराज ने अपना विकेट गंवाया, उससे जडेजा भी काफी निराश दिखे।
इंग्लैंड, जडेजा और किस्मत का खेल
इंग्लैंड में यह पहली बार नहीं है जब जडेजा की वजह से टीम इंडिया का दिल टूटा हो। साल 2017 में चैंपियंस ट्रॉफी का फाइनल इंग्लैंड में आयोजित हो रहा था और उसका प्रतिद्वंदी पाकिस्तान था। टीम इंडिया को जीत के लिए 50 ओवर में 339 रनों का लक्ष्य दिया गया था। टीम इंडिया इस लक्ष्य का पीछा करने उतरी और भारत ने 72 रनों पर 6 विकेट गंवा दिए। टीम इंडिया और भारतीय प्रशंसक पूरी तरह से उम्मीद खो चुके थे, लेकिन तभी हार्दिक पांड्या का तूफान आया। उम्मीदें फिर से जाग उठती हैं, लेकिन कहते हैं न, किस्मत के खिलाफ नहीं जाया जा सकता। दूसरे छोर पर खड़े रवींद्र जडेजा ने कॉल किया और हार्दिक पांड्या रन आउट हो गए।
2019 विश्व कप सेमीफाइनल में मिली हार को कौन भूल सकता है?
किस्मत का कारवां यहीं नहीं रुकता। यह और भी दिल तोड़ने वाला था। 2019 में, यह वनडे विश्व कप का सेमीफाइनल था और सामने टीम थी न्यूज़ीलैंड। यह टूर्नामेंट भी इंग्लैंड में खेला जा रहा था। टीम इंडिया को जीत के लिए 50 ओवर में 240 रनों का लक्ष्य दिया गया था और भारत ने 92 रनों के स्कोर पर 6 विकेट खो दिए थे। छोटा लक्ष्य अब दूर लग रहा था और क्रीज पर रवींद्र जडेजा और एमएस धोनी मौजूद थे। जडेजा ने धोनी के साथ ओपनिंग साझेदारी की और भारतीय प्रशंसकों की उम्मीदें फिर से जाग उठीं।